नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि एक दल छोड़ कर दूसरे दल में जाने वाले विधायकों पर कम से कम एक कार्यकाल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए ताकि त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में सरकार के गठन के लिए खरीद फरोख्त को रोका जा सके। उमर अब्दुल्ला का इशारा कर्नाटक में चुनाव के बाद की स्थिति की ओर था जहां सामान्य बहुमत से सात सीट कम होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाने का दावा किया है। दूसरी तरफ जद (एस) के नेता एच डी कुमारस्वामी ने भी कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने दावा किया है क्योंकि दोनो दलों का संख्याबल संयुक्त रूप से 115 है।

उमर ने ट्वीट किया, ‘‘विधायकों की खरीद फरोख्त को रोकने के लिए दल बदलुओं को सामान्य रूप से अयोग्य घोषित कर दिया जाना काफी नहीं है क्योंकि उनमें से अधिकतर लोग नई पार्टी से टिकट लेकर जनादेश के साथ आ जाते हैं। ऐसे लोगों को चुनाव लड़ने से रोका जाना चाहिए और यह रोक एक कार्यकाल से कम नहीं होना चाहिए।’’ नेकां नेता ने कर्नाटक में कांग्रेस की चाल का बचाव करते हुए आलोचकों को गोवा, मणिपुर में पिछले साल भाजपा की भूमिका याद दिलाई। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस जद (एस) के समर्थन से सरकार बना पाएगी या नहीं, पर उसकी कोशिश के लिए आलोचना नहीं की जानी चाहिए। अगर स्थिति विपरीत होती तो भाजपा भी बिल्कुल यही करती।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उन दूसरे राज्यों में क्या हुआ जहां भाजपा पिछले दरवाजे से सरकार में आई। क्या मानक अलग-अलग होने चाहिए।’’ दूसरी तरफ, जद (एस) और कांग्रेस के नेताओं ने बुधवार को कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात कर 117 विधायकों के समर्थन के दावे वाली एक सूची उन्हें सौंपी और उनसे सरकार गठन के लिए उनके दावे पर विचार करने का आग्रह किया। जद (एस) की राज्य इकाई के प्रमुख एच . डी कुमारस्वामी और केपीसीसी अध्यक्ष जी परमेश्वर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की। इससे पहले दिन में दोनों पार्टियों ने विधायक दल की बैठकें की।