लखनऊ। भारत में 50 मिलियन से अधिक लघु और मध्यम व्यवसाय (एसएमबी) हैं। ये भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 30 प्रतिशत से अधिक योगदान करते हैं और इनमें 117 मिलियन से अधिक लोग नियोजित हैं। हालांकि, लघु और मध्यम व्यवसायों के सामने संसाधनों और प्रौद्योगिकी तक सीमित पहुंच सहित कई चुनौतियों आती हैं, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता और लाभ में काफी कमी आती है। वास्तव में, लघु और मध्यम व्यवसायों एवं बड़े उद्यमों के बीच यह विषमता 7 से 8 गुना तक हो सकती है। लघु और मध्यम व्यवसायों की इन चुनौतियों से निपटने में मदद करने से उनका काफी अधिक विकास हो सकता है जिससे बदले में भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर थॉट आर्बिट्रेज रिसर्च इंस्टीट्यूट (टीएआरआई) द्वारा आयोजित ‘सोशिओ-इकॉनोमिक इंपेक्ट ऑफ क्लासउड एडॉप्शन बाई एसएमबीज इन इंडिया’ पर एक अध्ययन’ के अनुसार, प्रौद्योगिकी पर निवेश लागत (पूंजी व्यय) कम करने से प्रौद्योगिकी पहुंच के लिए एसएमबी के लिए प्रवेश बाधाएं कम हो सकती हैं, जिसका तब सकारात्मक गुणक प्रभाव पड़ता है। क्लाउड द्वारा प्राप्त उत्पादकता लाभ, व्यवसाय मेट्रिक्स में मजबूती से प्रतिबिंबित होते हैं। सर्वेक्षण के परिणामों की तुलना उन एसएमबी के साथ की गई है जो क्लाउड का बिल्कुल भी उपयोग नहीं करते हैं। भारत सरकार के डाटाबेस पर एसएमई का उपयोग उन एसएमबी के लिए संदर्भ के रूप में किया गया है जो क्लाउड का उपयोग नहीं कर रहे। तुलना करने पर, यह पाया गया है कि क्लाउड का मध्य उपयोग करने वाले एसएमबी के लिए लाभ सुधार और लागत कमी मेट्रिक्स में 30 प्रतिशत सुधार होता है जबकि सरकारी डाटाबेस पर एसएमई के लिए इस मेट्रिक्स में 10 प्रतिशत में सुधार होता है मध्यम क्लााउड का उपयोग करने वाले एसएमबी के लिए कर्मचारी उत्पादकता मेट्रिक्स में 50 प्रतिशत सुधार होता है जबकि यह सरकारी डेटाबेस पर एसएमई के लिए इसमें 20 प्रतिशत सुधार होता है, मध्यम क्लाउड का उपयोग करने वाले एसएमबी के लिए आस्ति उपयोग मेट्रिक्स में 50 प्रतिशत सुधार होता है जबकि सरकारी डाटाबेस पर एसएमई के लिए इसमें मामूली सुधार होता है। कर्मचारियों द्वारा क्लाउड कंप्यूटिंग के जरिए एसएमबी के आस्ति आधार का अधिक प्रभावपूर्ण उपयोग किया जाता है क्योंकि एक से अधिक उपयोगकर्ता किसी भी स्थान से, किसी भी समय पर सॉफ्टवेयर से संबंधित व्यावसायिक एप्लीकेशन प्राप्त कर सकते हैं। क्लाउड कंप्यूटिंग प्रौद्योगिकियां न केवल उन्नत हैं बल्कि सस्ती और इन्हें परिनियोजित और उपयोग करना आसान हैं। इससे एसएमबी को अपने प्रचालन और उत्पादकता में सुधार करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग में एक प्रतिमान परिवर्तन लाने का अवसर मिल रहा है, बदले में उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता और लाभप्रदता में सुधार हो रहा है।

इंटरनेट सेवा प्रदाता के पास पूरे भारत में निर्मित कनेक्टिविटी अवसंरचना और एसएमबी को खास आपके लिए निर्मित क्लाकउड सेवाएं प्रदान करने वाला परिपक्तन चैनल साझेदार पारिस्थितिकी तंत्र होने से, एसएमबी के लिए यह सही अवसर है कि वह अपने विकास को प्रेरित करने के लिए क्लापउड प्रौद्योगिकी का लाभ ले। यह सर्वेक्षण’ 11 शहरों बैंगलोर, चेन्नई, चंडीगढ़, कोयंबटूर, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, मैसूर, एनसीआर, पुणे में विनिर्माण, खुदरा, आईटी, आईटीईएस, ई-कॉमर्स, शिक्षा, स्वास्थ्य और आतिथ्य क्षेत्रों में एसएमबी के 275 प्रबंधन निदेशकों प्रधान कार्यकारी अधिकारियों के बीच आयोजित किया गया था। सर्वेक्षण के उद्देश्य के लिए, क्लाउड उपयोग की सीमा को निम्न क्लाउड उपयोग के रूप में परिभाषित किया गया है जब मूल ईमेल सेवाओं, फाइल स्टोरेज शेयरिंग और मूल एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग किया गया है मध्यम क्लाउड उपयोग परिभाषित किया गया है जब माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 365, स्काइप जैसे उत्पादकता सहयोग उपकरणों, वेब कॉन्फ्रेंसिंग टूल्स जैसे स्का्ईप, वित्तीय लेखा सॉफ्टवेयर, दस्तावेज प्रबंधन टूल्स जैसे माईक्रोसॉफ्ट शेयर वागइंट आदि का उपयोग किया गया है अधिक क्लोउड उपयोग परिभाषित किया गया है जब सीआरएम और ईआरपी सॉफ्टवेयर जैसे माइक्रोसॉफ्ट डायनेमिक्स 365, पेरोल, ऐप डेवलपमेंट, एचआरएमएस, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टूल्स, ई-कॉमर्स इत्यादि का उपयोग किया गया है।