नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल)-11 में चेन्नई सुपर किंग्स ने बेंगलोर रॉयल चैलेंजर्स को बहुत ही आसानी से 6 विकेट से हरा दिया. चेन्नई से पहले बैटिंग का न्यौता पाने के बाद सितारों से सुसज्जित बेंगलोर की टीम 20 ओवर के कोटे में 9 विकेट पर सिर्फ 127 रन ही बना सकी.

उसकी ओर से पार्थिव पटेल ने सबसे ज्यादा 53 रन बनाए. जवाब में चेन्नई सुपर किंग्स ने 18 ओवरों में 4 विकेट खोकर ही जीत का लक्ष्य हासिल कर लिया. पिछले मैचों में अपने खराब प्रदर्शन के चलते निशाने पर आए रवींद्र जडेजा को उनकी गेंदबाजी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया. जडेजा ने तीन विकेट चटकाए.

मिले आसान लक्ष्य के जवाब में चेन्नई की शुरुआत खराब हुई थी. शेन वॉटसन (11) को उमेश यादव ने जल्द ही चलता कर दिया था. लेकिन इसके बाद सुरेश रैना (25) और अंबाती रायुडु (32) ने टारगेट को देखते हुए थोड़े से धीमे रुख से दूसरे विकेट के लिए 61 रन जोड़कर चेन्नई की जीत का आधार रख दिया.

रैना के आउट होने के बाद नियमित अंतराल पर चेन्नई को कुछ झटके लगे. अंबाती रायुडु भी चले गए, तो ध्रुव शौरी (8) भी मिले मौके को नहीं भुना सके. इसके बाद बेंगलोर के स्पिनर मुरुगन अश्विन ने कुछ दबाव मनाने की विफल कोशिश जरूर की. लेकिन चेन्नई को यहां कम टारगेट होने का फायदा मिला. मुरुगन के खिलाफ धोनी और ब्रावो ने शुरुआत में सतर्कता बरती. लेकिन जब 18वां ओवर डालने युजवेंंद्र चहल आए, तो धोनी ने पूरा हिसाब बराबर कर दिया. इस ओवर में धोनी ने युजवेंद्र को 3 छक्के जड़ते हुए 22 रन बटोरे. और इसी ओवर में मैच खत्म हो गया.

इससे पहले चेन्नई से पहले बैटिंग का न्योता पाने के बाद बेंगलोर की बल्लेबाजी की बुरी तरह टांय-टांय फिस्स हो गई है. सितारा बल्लेबाजों से सुसज्जित बेंगलोर रॉयल चैलेंजर्स की टीम 20 ओवर में 9 विकेट पर सिर्फ 127 रन ही बना सकी. चेन्नई के लिए रवींद्र जडेजा ने तीन और हरभजन सिंह ने दोे विकेट लिए. वो तो भला हो पार्थिव पटेल का जिन्होंने 53 रन बनाए. वर्ना आप सोच सकते हैं कि बेंगलोर का स्कोर क्या होता.

वास्तव में इस पिच पर पावर प्ले (शुरुआती 6 ओवर, 30 गज के घेरे के बाहर सिर्फ 2 फील्डर) का फायदा उठाना आसान काम नहीं था. गेंद रुक कर आ रही थी. स्पिनरों को भी थोड़ी मदद थी और पेसरों को भी. आरसीबी के बल्लेबाज भी कुछ बड़ा धमाल करने की इजाजत नहीं ही ले सके. और उन्होंने इन छह ओवरों में 1 विकेट पर 47 रन ही बनाए.

सोचिए कि बेंगलोर की टीम में पार्थिव न होते, तो क्या होता. विकेटों की पतझड़ की बारिश के बीच पार्थिव चेन्नई के चैलेंज का सामना करने वाले इकलौते बल्लेबाज रहे. पार्थिव ने 41 गेंदों पर 5 चौकों और 2 छक्कों से 53 रन बनाए. मतलब पार्थिव पटेल एक तरफ और बाकी टीम एक तरफ!

वास्तव में विराट कोहली और एबी डिविलियर्स से बहुत ही ज्यादा उम्मीदें थीं, लेकिन दोनों ही इस मैच में औंधे मुंह गिरे! न ही कोहली के विराट शॉट दिखे और न ही एबी का 360 डिग्री अंदाज. हालात इतने बदतर रहे कि ये दोनों ही बल्लेबाज दहाई का भी आंकड़ा नहीं छू सके.

पिछले मैच के बाद रवींद्र जडेजा बहुत ही गम में थे. दो आसान और लगातार कैच उन्होंने सुनील नारायण के टपकाए थे. बल्ले से रन नहीं निकल रहे थे. विकेटों के लाले पड़ रहे थे. प्रशंसक टीम में सवाल उठा रहे थे. बावजूद इसके धोनी ने जडेजा को मौका दिया. पिच मिली जडेजा के मनमाफिक, थोड़ा सा धीमापन. और इसे दोनों हाथों से भुनाते हुए जडेजा ने तीन विकेट चटकाकर धोनी के भरोसे को जिंदाबाद साबित कर दिया. जडेजा ने पार्थिव पटेल, विराट कोहली और मनदीप सिंह के विकेट चटकाए