मुंबई: बॉलीवुड एक्टर प्रकाश राज ने दावा किया है कि उन्होंने जब से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ बोलना शुरू किया है, तब से फिल्म इंडस्ट्री में काम मिलना बंद हो गया है। ‘द प्रिंट’ से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में जब उन्होंने वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश की निर्मम हत्या पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाए और उनकी आलोचना की, तब से फिल्म इंडस्ट्री ने उन्हें साइडलाइन कर दिया। बता दें कि प्रकाश राज फिलहाल कर्नाटक चुनावों में बीजेपी के खिलाफ जमकर प्रचार कर रहे हैं और बीजेपी के बड़े नेताओं को निशाने पर ले रहे हैं। प्रकाश राज ने कहा कि गौरी लंकेश उनकी पुरानी मित्र थीं। उनकी हत्या से उन्हें गहरा दुख पहुंचा है।

पिछले साल सितंबर में गौरी लंकेश को कुछ अज्ञात लोगों ने उनके ही घर के पास गोली मार दी थी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। लंकेश सामाजिक कार्यकर्ता के साथ-साथ एक साप्ताहिक कन्नड़ पत्रिका की संपादक भी थीं। हत्या के पांच महीने बाद कर्नाटक एसआईटी ने इस मामले में एक शख्स को गिरफ्तार किया था जिसका संबंध हिन्दूवादी संगठनों से था। प्रकाश राज ने कहा कि दक्षिण की फिल्म इंडस्ट्री से काम मिलने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं हो रही है जबकि, हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री से उन्हें तब से अभी तक एक भी जॉब ऑफर नहीं हुआ है, जब से उन्होंने लंकेश हत्याकांड पर बोलना शुरू किया है। प्रकाश राज ने कहा कि वो जॉब नहीं मिलने से परेशान नहीं हैं क्योंकि उनके पास फिलहाल पर्याप्त पैसे हैं।

53 साल के एक्टर ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि एक नेता के तौर पर उनकी क्या भूमिका रही है। उन्होंने सवालिया सहजे में पूछा कि क्या अमित शाह ने कभी एक नेता के तौर पर देश को कोई प्रोग्रेसिव आइडिया दिया है? उन्हें लोग चाणक्य कहते हैं, क्या सिर्फ सरकार गिरा देना और जोड़-तोड़ कर चुनाव जीत जाना ही काफी है? क्या हमारी इतनी ही अपेक्षा है? प्रकाश राज ने कहा कि पीएम मोदी ने देशवासियों की आंखों में एक उम्मीद दिखाई थी और कहा था कि हर साल 2 करोड़ लोगों को नौकरी देंगे, कालाधन वापस लाएंगे,लेकिन इतने सालों में कुछ नहीं किया। वे सिर्फ इतिहास के झरोखों में जाकर नेहरू ने क्या किया, टीपू सुल्तान ने क्या किया? हमारा सनातन धर्म क्या कहता है? कहते फिरते हैं। प्रकाश राज ने कहा कि कुछ दिनों पहले उन्होंने किसी राजनीतिक दल को ज्वाइन करने या खुद की पार्टी बनाने की ठानी लेकिन ऐसा नहीं किया क्योंकि आज की तारीख में लोग गैर राजनीतिक प्लेटफॉर्म से आवाज बुलंद होना देखना चाहते हैं।