लखनऊ: ’’एक भारत श्रेष्ठ भारत’’ के तहत केंद्र सरकार की ओर से केरल से कलारीपट्टू मार्शल आर्ट का 8 सदस्यीय दल प्रदेश राजधानी लखनऊ भेजा गया है। योजना के तहत भारत के सभी राज्यों की विशेष कलाओं को देश के विभिन्न राज्यों में प्रचलित करना व उनकी खूबियों से अवगत कराना है। ताकि देश में स्वदेशी प्रचलन को बढ़ावा दिया जा सकें। प्रदेश सरकार की ओर से राज्य सम्पर्क अधिकारी अंशु माली शर्मा व कलारीपट्टू प्रदेश एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अनुराग मिश्रा के द्वारा लखनऊ के विभिन्न विद्यालयों में इस कला के प्रचार हेतु प्रदर्शन का आयोजन कराया जा रहा है जिसके तहत आज सिटी मान्टेसरी स्कूल, पायनियर मान्टेसरी स्कूल एल्डिको व सेन्ट जोजफ कालेज ठाकुरगंज में प्रदर्शन किये गयेे।

कलारी टीम प्रमुख श्री हरि ने बताया कि कलारी शब्द तमिल भाषा से है जिसका अर्थ प्रशिक्षण केंद्र या विद्यालय होता है व पयट्टू का अर्थ युद्ध/कड़ी मेहनत करना होता है। इसमें हाथ और पैरो से प्रहार के साथ मल्लयुद्ध, छड़ी, चाकू, कटार, तलवार-ढाल के साथ मर्म व चिकित्सा प्रणाली का भी ज्ञान प्रदान किया जाता है। इसका कठोर प्रशिक्षण शारीरिक संस्कृति और मानसिक अनुशासन देता है। प्रदर्शन के दौरान तलवार ढाल, चाकू, लाठी व उर्मी की विभिन्न विघाओं के द्वारा आत्म सुरक्षा के शानदार प्रदर्शन किये गये साथ ही मात्र दुप्पटे के प्रयोग से हथियार युक्त आक्रमणकारी से बचाव के तरीकें बताये गये जिसको देखकर सभी बलिकाओं व अध्यापिकाओं ने खड़े होकर तालियाॅ बजाते हुए प्रदर्शनकारियों का उत्साहवर्घन किया।

सेन्ट जोजफ इण्टर कालेज में प्रदर्शन के उपरान्त डायरेक्टर राजेश अग्रवाल व सीमा अग्रवाल जी द्वारा सभी प्रदर्शनकारियो खिलाड़ियों का सम्मान भी किया गया। प्रदर्शन के दौरान विद्यालय संस्थापक पुष्पलता अग्रवाल व एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अमील शम्सी व सी0ई0ओ0 प्रवीण गर्ग व सचिव प्रियंका अग्रवाल भी उपस्थित रहे। साथ ही विद्यालय की सभी बालिकाओं के लिए कालारीपट्टू के आत्मरक्षा के गुर सीखने हेतु ग्रीष्म कालीन अवकाश में प्रशिक्षण शिविर शुरू करने की घोषणा भी की गयी।