वीज़ा भी नहीं, फ़र्ज़ी लाइसेंस, दो पासपोर्ट बरामद

लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने गोरखपुर से एक युक्रेनी महिला को गिरफ्तार किया है. उसके पास वीजा नहीं है, वहीं फर्जी लाइसेंस बरामद हुआ है. जानकारी के अनुसार डारिया मोलचन युक्रेन के सुमी 85 किरोवा की रहने वाली है. उसके पास से पुलिस ने दो पासपोर्ट, दो मोबाइल फोन, एक आईपैड, एक फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस के अलावा 1860 अमेरिकी डॉलर और 56 युक्रेन की मुद्रा व 600 रुपए बरामद हुए हैं.

एसटीएफ को सूचना मिली थी कि कोई विदेशी नागरिक महिला है, जो नेपाल जाने की फिराक में है. सूचना पर गोरखपुर के सिविललाइन में रेजिडेंसी होटल से महिला को गिरफ्तार कर लिया गया.

पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि वह मॉडलिंग के लिए दिल्ली आई थी. यहां करमा एजेंसी में मॉडलिंग का काम लगभग तीन महीना तक किया. इसके बाद वह वापस युक्रेन चली गई. 28 दिसंबर 2017 को जब वह नई दिल्ली पहुंची तो उसे बतया गया कि वह ब्लैक​ लिस्टेड है. और उसे वापस युक्रेन भेज दिया गया. इसके बाद उसने एक शख्स इमशान से बात की तो उसने बतया कि नेपाल का वीजा लेकर आ जाओ. यहां नेपाल से भारत वह उसे ले आएगा. इसके बाद महिला नेपाल आ गई. नेपाल में वह इमशान के दोस्त सौरभ के साथ रही, फिर दो हफ्ते पहले इमशान कार से नेपाल आया और वह उसके साथ ही भारत आ गई. इस दौरान उसका वीजा भी चेक नहीं किया गया.

उसने बताया य​हां वह नई दिल्ली में इमशान के घर पर रुकी, जहां उसकी मुलाकात कासिफ, अनुज पोद्दार आदि से होती थी. 3 अप्रैल को उसे नेपाल से दुबई की फ्लाइट पकड़नी थी, लिहाजा वह नेपाल जाने की कोशिश में थी.

जांच में पता चला कि ड्राइविंग लाइसेंस पर फोटो तो डारिया का ही है लेकिन नाम मरिना अमन मेहात का है. पता चला कि इसका इस्तेमाल वह भारत में एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए करती थी. इमशान ने ही उसे ये लाइसेंस बनाकर दिया था.