सुलतानपुर। सुलतानपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी हथियाने की जंग
तेज हो गई है। यह लडाई भाजपा बनाम भाजपा की ही है। इस वजह से बीजेपी के
पदाधिकारी चुप्पी नही तोड़ रहे है। एक के बाद दूसरे जिला पंचायत सदस्य के
अपहरण से राजनैतिक गलियारे मे हलचल मच गई है। हालाकि डीएम ने अभी तक अपना
पत्ता नही खोला है। माना जा रहा है कि यादि प्रशासन ने कडा रुख नही
अपनाया तो खूनी सर्घंष होने की बात से इनकार नही किया जा सकता है। एक तरफ
बाहुबली यशभद्र सिंह मोनू तो दूसरी तरफ रियल स्टेट से जुडे शिव कुमार
सिंह जूझ रहे है।

*क्या है मामला**

बीते 24 मार्च को यशभद्र सिंह मोनू ने 28 सदस्यो के साथ डीएम संगीता
सिंह से मुलाकात कर जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह को हटाने के लिए
मुलाकात किया था। इसके बाद राजनैतिक गलियारे मे हलचल मच गई थी। हालंाकि
डीएम ने अविश्वास के लिए कोई तिथि नही घोषित किया था।
शुरु हुआ अपहरण का दौर
डीएम से मुलाकात के बाद जोड तोड की राजनीति शुरु हो गई है। एक तरफ जहां
मोनू सिंह सदस्यो को अपने पाले मे करने के लिए एडी चोटी का जोर लगा रहे
है वही पत्नी ऊषा सिंह की कुर्सी बचाने के लिए हथकंडा अपना रहे है। शिव
कुमार सिंह आदि पर मोतिगरपुर के सदस्य शोभनाथ यादव पर अपहरण का आरोप
लगाया था। शनिवार को कूरेभार के परवर निवासी इकराम बेग ने आरोप लगाया कि
उसके छोटे भाई फरहान बेग जो जिला पंचायत सदस्य है, उसकी दूकान पर शिव
कुमार सिंह दो दर्जन असलहाधारी गुर्गो के साथ पहुचे और हत्या की धमकी
देने लगे। जब भीड़ दौडी तो सभी भाग निकले। इकराम ने हत्या की आशका जताते
हुए मोनू सिंह के साथ कूरेभार थाने पर मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर
दिया है। मोनू सिंह ने आरोप लगाया है कि योगी राज मे शिव कुमार सिंह
कानून हाथ मे ले रहे हैं। पुलिस प्रशासन सक्रिय न हुआ तो अनहोनी घटना घट
सकती है। उधर ऊषा सिंह ने फोटो वायरल कर खुद को घटना के समय अयोध्या मे
दर्शन करना बताया है। शिव कुमार सिंह कांग्रेस से बसपा फिर सपा और सरकार
बनने के बाद बीजेपी मे शामिल हुए है। बहरहाल कुर्सी की जंग काफी दिलचस्प
हो गयी है।