नई द‍िल्‍ली : वैज्ञान‍िकों ने एक ऐसा अंग खोज निकाला है जो शायद मानव शरीर का सबसे बड़ा अंग हो सकता है. इस अंग का नाम है इंटरस्टिटियम (Interstitium). वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस नई खोज की मदद से मनुष्य के शरीर में कैंसर कैसे फैलता है इसे आसानी से समझा जा सकेगा.

इंटरस्टिटियम मानव शरीर का 80वां अंग होगा. मानव शरीर में अंगों, कोश‍िका समूहों और ऊतकों के बीच मौजूद फ्लूइड यानी कि द्रव पदार्थों का नेटवर्क इंटरस्टिटियम है. अब से पहले इस अंग को शरीर में एक-दूसरे जुड़े उत्तकों की सघन संरचना समझा जाता था. व‍िशेषज्ञों के मुताबिक फ्लूइड से भरे कर्पाटमेंट का यह नेटवर्क 'शॉक एब्‍जॉर्बर' की तरह काम कर सकता है.

इंटरस्टिटियम का ज्‍यादातर हिस्‍सा त्‍वचा की ऊपरी परत के ठीक नीचे है. इसके साथ ही यह आंत, फेफड़े, रक्त नलिका और मांसपेशियों के नीचे भी परत के रूप में पाए जाते हैं. ये आपस में जुड़कर एक नेटवर्क बनाते हैं जिसे मजबूत और लचीले प्रोटीन के जाल का सपॉर्ट मिला होता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि हो सकता है कि इंटरस्टिटियम के बीच के रिक्‍त स्‍थान शरीर में फैलने में कैंसर की मदद करते हों. इस परत के नीचे पहुंचने के बाद ही कैंसर पूरे शरीर में फैलने लगता है. वैज्ञानिकों को उम्‍मीद है कि इस नए शोध से कैंसर के इलाज में मदद मिलेगी.

टिप्पणिया गौरतलब है कि सदियों से मानव शरीर का अध्‍ययन किया जाता रहा है. अब तक यही तथ्‍य था कि मानव शरीर में कुल 79 अंग होते हैं. इस नए शोध का आश्‍चर्यजनक पहलू यह है कि शरीर का सबसे बड़ा अंग होने के बावजूद हम सालों से इससे अंजान थे.