लखनऊ: उत्तर प्रदेश से राज्यसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी को मिली हार के बाद बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने आज भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने चुनाव में धनबल और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया. उन्होंने कहा कि भाजपा ने ये सब इसलिए किया ताकि सपा और बसपा के बीच एक बार फिर से दूरी बने. मायावती ने कहा ,'मैं साफ कर देना चाहती हूं कि सपा-बसपा का मेल अटूट है. भाजपा का मकसद सिर्फ सपा-बसपा की दोस्ती को तोड़ना है, कांग्रेस पार्टी के साथ हमारे पुराने संबंध हैं जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी.' उन्होंने कहा कि कल राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में क्रास वोटिंग करने वाले अपने विधायक अनिल सिंह को उन्होंने पार्टी से निलंबित कर दिया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव अभी राजनीति में थोडा कम तजुर्बेकार हैं. अगर मैं उनकी जगह पर होती तो अपने उम्मीदवार के बजाय उनके उम्मीदार को जिताने की कोशिश करती.

उन्होंने 1995 में हुये गेस्ट हाउस कांड में सपा प्रमुख अखिलेश यादव को क्लीन चिट देते हुये कहा कि वह उस समय राजनीति में नही थे. भाजपा गेस्ट हाउस कांड के बहाने हमारे और अखिलेश के बीच दरार पैदा करना चाहती है लेकिन ऐसा नहीं होगा. उन्होंने आरोप लगाया कि गेस्ट हाउस कांड के समय जो पुलिस अधिकारी राजधानी में तैनात था उसे भारतीय जनता पार्टी ने वर्तमान में प्रदेश पुलिस का मुखिया डीजीपी बना दिया है. उन्होंने कहा कि हम बीजेपी के खिलाफ लड़ते रहेंगे. मैं उन सभी विधायकों की हिम्मत की दाद देती हूं जिन्होंने बीजेपी के डर से क्रास वोटिंग नहीं की. सपा और बसपा के विधायकों को वोट डालने से रोका गया. बीजेपी ने विधायकों को पुलिस का खौफ दिखाकर धमकाया जिससे उन्होंने डरकर बीजेपी के पक्ष में वोट डाला.

मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी के एक विधायक अनिल सिंह ने धोखा दिया जिसे हमारी पार्टी ने निलंबित कर दिया है. वहीं, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक कैलाश नाथ सोनकर ने अपनी अंतर आत्मा की आवाज पर बसपा को वोट दिया. उन्होंने कहा कि अखिलेश को सचेत होकर कुंडा के गुंडा कहे जाने वाले राजा भैया पर भरोसा नहीं करना था अगर वो उस पर भरोसा नहीं करते और रणनीति पर काम करते तो आज परिणाम दूसरे होते. अभी वो राजनीति में नए हैं धीरे-धीरे मजबूत होंगे.