रिपोर्ट-अमन वर्मा

सुल्तानपुर। न खुदा ही मिला, न बिसाले सनम, न इधर के हुए, न उधर के हुए
यह कहावत जिले में एक ऐसे व्यक्ति के ऊपर सटीक बैठ रही है जो कि
आयुर्वेदिक पद्धति से चिकित्सा का जानकार है और वह खुद आयुर्वेदिक
चिकित्सा के जरिए दूसरों का इलाज करता है । जिसने अपनी एड्स पीड़िता साली
के इलाज के लिए तन्त्र-मन्त्र एवं जादू-टोना, झाड़-फूंक में महारथ हासिल
करने वाली महिला का सहारा लिया । उक्त महिला तांत्रिक के झांसे में आकर
चिकित्सकस अपने घर में गड़े धन को निकलवाने के लिए अनुष्ठान कराया और इसके
एवज में महिला तांत्रिक के झांसे में आकर ढाई लाख रूपयेे दे दिया । लेकिन
न तो गड़ा धन निकला और न ही उनकी साली ठीक हुई बल्कि हुआ यह कि आयुर्वेदिक
चिकित्सक जादू टोने के चक्कर में पड़कर लुट गया और जादू टोने के भरोसे
रहकर अपनी साली की जान भी गंवा दी । अपनी जब पीड़ित चिकित्सक को खुद के
ठगे जाने का आभास हुआ तो महिला तांत्रिक की तलाश किया जो उसे नहीं मिली ।
पीड़ित ने अपने साथ हुई ठगी के सम्बन्ध में एसपी से मिलकर गुहार लगायी है

सुल्तानपुर के कादीपुर कोतवाली क्षेत्र अन्तर्गत तवक्कलपुर नगरा निवासी
रामशिरोमणि वर्मा सरकारी नौकरी में रहे। रामशिरोमणि वर्मा आयुर्वेदिक
चिकित्सक हैं। इनके नाम करीब दर्जन भर दवाएं पेटेन्ट हैं। यह वैसे तो खुद
दूसरों का इलाज करते हैं, लेकिन अपने ही एक रिश्तेदार का इलाज कराने में
यह तंत्र-मंत्र के चक्कर में पड़ कर ठगी का शिकार हो गए। दरअसल राम
शिरोमणि वर्मा की साली रेनू वर्मा एड्स से पीड़ित थी। वर्षों इलाज के बाद
जब कोई फायदा न हुआ तो कुछ लोगों ने सलाह दी कि झाड़-फूंक के जरिए इलाज हो
सकता है। इस दौरान जनवरी 2015 में रामशिरोमणि का संपर्क अखंड नगर के
बेहराभारी गांव की रहने वाली तांत्रिक गैना देवी से हुआ।

गैनादेवी तंत्र-मंत्र, जादू-टोना, भूत-प्रेत भगाने व झाड़-फूंक का काम
करती थी। गैना देवी ने रामशिरोमणि को बताया कि उसके घर में धन गड़ा हुआ है
जिसको निकालने पर उसकी साली की तबीयत ठीक हो जाएगी। महिला तांत्रिक के
जाल में फंसे रामशिरोमणि के परिजन उसकी बात मान गए और उन्होंने अनुष्ठान
कर समस्या का समाधान करने को कहा। इस दौरान गैना ने रामशिरोमणि को भ्रमित
कर कई मूर्तियां, सोने की ईंट निकाली लेकिन सब बंद करके रखवा दिया और उसे
छूने से मना कर दिया। गैना ने इसके लिए राम शिरोमणि से लाखों रुपये ठग
लिए। इस बीच 9 मार्च 2015 को रामशिरोमणि की बीमार साली की मृत्यु हो गई।
18 मार्च 2015 को गैना देवी आई और उसने बताया कि अब उसका घर अशुद्ध हो
गया है और सभी सामान जो बंद कमरे में रखा है, उसे किसी कुंड में फेंक दो।

पीड़ित ने पुलिस को बताया कि गैना ने उनसे कहा कि 6 महीने बाद सामान फिर
से वापस आ जाएगा। 6 महीने बाद महिला तांत्रिक फिर आई और उसने कहा कि
अनुष्ठान करके सामान वापस लाना है। पूजा करने के नाम पर उसने फिर 50 हजार
रुपये लिए। इस तरह करीब ढाई लाख रुपये महिला तांत्रिक ने राम शिरोमणि से
ले लिए। 11 अगस्त 2016 को महिला अपने सहयोगियों के साथ आई और उसने घर के
पूरब और दक्षिण कोने में मंदिरनुमा स्थान बनाकर उसमें तमाम सामान लाल
कपड़ों में बंदकर रखवा दिया। देखने वाली बात यह है कि मार्च 2017 में वह
महिला फिर आई और उसने कहा कि 2 अगस्त 2017 को सब सामान खोला जाएगा। वादे
के मुताबिक 2 अगस्त को तांत्रिक महिला नहीं आई। कई दिन इंतजार के बाद जब
पीड़ित पक्ष ने पता करना शुरू किया, तो वह अपने घर से गायब मिली। आखिरकार
संदेह होने पर जब सामान देखा, तो इनके पैरों तले जमीन खिसक गई।
रामशिरोमणि को एहसास हो गया कि वह ठगी का शिकार हो चुका है। काफी खोजबीन
के बाद जब गैना देवी का पता ठिकाना नहीं मिला तो ठगी के शिकार चिकित्सक
रामशिरोमणि ने पुलिस की शरण ली है ।