लखनऊ: यूपी के गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के बेहद प्रतिष्ठापूर्ण उपचुनाव के लिए वोटिंग समाप्त हो चुकी है. चुनाव आयोग से मिली जानकारी के अनुसार गोरखपुर में मतदान 43 फीसदी रहा, वहीं फूलपुर में फूलपुर उपचुनाव में मतदान 37.39 प्रतिशत रहा.

फूलपुर में फाफामऊ विधानसभा में 43 प्रतिशत, सोरांव विधानसभा में 45 प्रतिशत, फूलपुर विधानसभा में 46.32 प्रतिशत, शहर उत्तरी विधानसभा में 21.65 प्रतिशत और शहर पश्चिमी विधानसभा में 31 प्रतिशत मतदान रहा. मतदान समाप्त होने के साथ ही सभी प्रत्याशियों का भाग्य अब ईवीएम में बंद हो गया है. 14 मार्च को इसके नतीजे आएंगे.

इससे पहले रविवार सुबह सबसे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के गोरखनाथ इलाके में बने प्राथमिक विद्यालय मतदान बूथ पर पहुंचकर मतदान किया. 3 बजे तक गोरखपुर में तक 37 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया. वहीं फूलपुर में 26.6 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया.

इससे पहले गोरखपुर में 1 बजे तक 30 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया. वहीं फूलपुर में 19.20 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया. 11 बजे तक गोरखपुर में 16.80 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया. वहीं फूलपुर में 12.20 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया. सुबह 9 बजे तक गोरखपुर में 7 प्रतिशत मदान रिकॉर्ड किया गया. वहीं फूलपुर में यह प्रतिशत और कम रहा. यहां 9 बजे तक 4.8 फीसदी ही मतदान रिकॉर्ड हुआ. इस बीच फूलपुर में इलाहाबाद शहर पश्चिमी के किदवई कॉलेज में वोटिंग मशीन खराब होने के कारण मतदान रुकने की खबर भी है.

उधर गोरखपुर में भी चुनाव को लेकर जिला प्रशासन की तैयारियों की पोल खुलती नजर आ रही है. यहां कई बूथों पर ईवीएम खराब होने की खबर है. सुस्त वोटिंग के बीच खराब ईवीएम से मतदान प्रभावित हो रहा है. कई बूथों पर ईवीएम की खराबी होने से वोट लौट रहे हैं.

वहीं फूलपुर उपचुनाव में सोरांव तहसील के लखनपुर कांदु गांव में चुनाव का सामूहिक बहिष्कार सामने आया है. यहां अब तक सिर्फ 3 वोट पड़े हैं. नाराज ग्रामीणों का कहना है कि जोगापुर सामूहिक हत्याकांड मे निर्दोष लोगों की गिरफ्तारी की गई है. मौके पर एसडीएम, एसपी रूरल व तहसीलदार ने लोगों को मनाने की कोशिश की. लेकिन वे नाकामयाब ही साबित हुए.

वोटिंग के बाद सीएम योगी ने कहा कि गोरखपुर और फूलपुर दोनों सीटों पर हो रहे उपचुनाव में बीजेपी भारी मतों से जीत दर्ज करेगी. पीएम मोदी के विकास के आधार पर 2019 के चुनाव नतीजे बीजेपी के लिए बेहतर होंगे.

यूपी के गोरखपुर और फूलपुर सीट पर हो रहे उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि आज का दिन इतिहास बदलने का भी है और नया इतिहास बनाने का भी. सबको साथ लेकर निकलें और दिखा दें कि हमारी एकजुटता में कितनी ताकत है. इसके नतीजे देश-प्रदेश के भविष्य के लिए क्रांतिकारी और निर्णायक साबित होंगे.

चुनाव को शांतिपूर्वक कराए जाने के लिए 65 कंपनी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के अलावा पुलिस, पीएसी व होमगार्ड के जवानों की अलग से तैनाती की गई है. निर्वाचन आयोग के निर्देश के मुताबिक सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक वोट डाले जाएंगे.

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इलाहबाद के फूलपुर स्थित ज्वाला देवी इंटर कॉलेज में परिवार समेत अपना वोट किया. वोट देने के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने मीडिया से बात करते हुए कहा उन्हें पूरा विश्वास है कि जिस तरह हमने पिछले चुनाव में जीत हासिल की थी उसी तरह इस बार भी जनता हमें जिताएगी. वहीं उन्होंने सपा-बसपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके गठबंधन से कोई फायदा नहीं है हम बड़ी जीत हासिल करेंगे.

दोनों लोकसभा क्षेत्रों के उपचुनाव के लिए तीनों जिलों को कुल 43 इंस्पेक्टर, 1548 सब इंस्पेक्टर, 619 हेड कांस्टेबल, 8683 कांस्टेबल व 10089 होमगार्ड के जवानों की ड्यूटी लगाई गई है.

गोरखपुर में कुल पांच विधानसभा सीटें हैं, जहां 970 मतदान केंद्रों व 2141 मतदान स्थलों पर चुनाव होगा. इसी तरह लोकसभा क्षेत्र फूलपुर में इलाहाबाद जिले की कुल पांच विधानसभा सीटें हैं, जहां 793 मतदान केंद्रों व 2059 मतदेय स्थलों पर चुनाव कराया जाएगा. फूलपुर लोकसभा क्षेत्र में आने वाली इलाहाबाद पश्चिमी विधानसभा सीट के 45 मतदान केंद्र व 95 मतदान स्थल कौशाम्बी जिले में आते हैं.

दोनों ही सीटों पर बीजेपी, सपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला होने की संभावना है जबकि बसपा ने उपचुनाव में प्रत्याशी नहीं खड़े किए हैं. बीजेपी ने गोरखपुर से उपेंद्र दत्त शुक्ला को और फूलपुर सीट से कौशलेन्द्र सिंह पटेल को उम्मीदवार बनाया है.

वहीं, सपा ने गोरखपुर से प्रवीण निषाद और फूलपुर से नागेन्द्र सिंह पटेल को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने गोरखपुर से सुरहिता करीम व फूलपुर से मनीष मिश्र को टिकट दिया है.

गोरखपुर सीट बीजेपी के लिए खासकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है. योगी यहां से 5 बार सांसद चुने जा चुके हैं. 1952 में पहली बार गोरखपुर लोकसभा सीट के लिए चुनाव हुआ और कांग्रेस ने जीत दर्ज की. इसके बाद गोरक्षनाथ पीठ के महंत दिग्विजयनाथ 1967 में निर्दलीय चुनाव जीता. उसके बाद 1970 में योगी आदित्यनाथ के गुरु अवैद्यनाथ ने निर्दलीय जीत दर्ज की.

दूसरी ओर, कभी देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को संसद में भेजने वाली फूलपुर की जनता ने 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी केशव प्रसाद मौर्य को संसद पहुंचाया था. फूलपुर संसदीय क्षेत्र में ओबीसी की तादात ज्यादा है और इसमें भी कुर्मी वोटरों को निर्णायक माना जाता है. इसलिए अब कुर्मी वोटरों को अपने पाले में करने की लड़ाई तेज हो गई है.

गोरखपुर और फूलपुर लोक सभा सीट के लिए मतदान 11 मार्च को होगा. चुनावों के परिणाम की घोषणा 14 मार्च को होगी. गोरखपुर सीट मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और फूलपुर सीट उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद खाली हुई है.