अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर स्किल इण्डिया देश भर की महिलाओं के दृढ़ संकल्प, उनकी महत्वाकांक्षाओं को सलाम करता है, जो कौशल प्रशिक्षण द्वारा अपने जीवन में बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जुलाई 2015 के बाद से कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) द्वारा शुरू की गई यह पहल स्किल इण्डिया मिशन कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से 35.56 लाख से अधिक महिलाओं के जीवन में बदलाव लाई है; स्किल इण्डिया मिशन ने उन्हें बेहतर एवं सुरक्षित आजीविका में सक्षम बनाया है।

महिलाओं की रोज़गार क्षमता बढ़ाने, उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने तथा उन्हें स्थायी विकास के अवसर उपलब्ध कराने के लिए एमएसडीई विभिन्न योजनाओं के माध्यम से समानता को बढ़ावा देने हेतू प्रयासरत है।
एमएसडीई की मुख्य योजना-प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाय) अपनी दो प्रावस्थाओं में 17.72 लाख महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर चुकी है, जिसमें से 8.63 लाख प्रशिक्षण पीएमकेवीवाय.1 (जुलाई 2015 से जुलाई 2016) के तहत तथा 9.09 लाख प्रशिक्षण पीएमकेवीवाय.2 (जुलाई 2016 से अब तक) के तहत दिए गए हैं। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम अल्प-कालिक प्रशिक्षण प्रोग्रामों और रिकाॅग्निशन आॅफ प्रायर लर्निंग के तहत 250 से अधिक पाठ्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं के सशक्तीकरण पर ज़ोर देता रहा है। इन विशेष परियोजनाओं के माध्यम से महिलाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं। योजना में महिलाओं के नामांकन का अनुपात 1ः1 रहा है। नौकरियों के आंकड़े भी सराहनीय हैं, प्रशिक्षित की गई 50 फीसदी महिलाओं को नौकरियां मिल चुकी हैं। महिलाओं पर केन्द्रित कुछ परियोजनाओं में शामिल हैं- राजस्थान के कालीन बुनकर (जयपुर रग्स फाउन्डेशन), डेयरी और पोल्ट्री किसान (देश भर में), ब्रू जाति के लिए बेकरी और अपेरेल (परिधान) प्रशिक्षण (उत्तर-पूर्व), एमज़ाॅन मेरी सहेली के लिए रीटेल प्रोग्राम (उत्तर-पूर्व) आदि।

एमएसडीई की कार्यकारी शाखा राष्ट्रीय कौशल विकास निगम अपने 350 से अधिक प्रशिक्षण साझेदारों के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से शुल्क आधारित प्रशिक्षण का संचालन कर रहा है। संगठन ने 16 लाख से अधिक महिलाओं को अल्पकालिक/ दीर्घकालिक प्रशिक्षण देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है (3 महीने से एक साल), जो प्रशिक्षित की गई कुल महिलाओं का 40 फीसदी हिस्सा बनाती हैं। महिलाओं को कई क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण दिया गया है जैसे आईटी, आईटीईएस, बैंकिंग एवं वित्तीय सेवाएं, निर्माण, कन्स्ट्रक्शन, रियल एस्टेट सेवाएं, शिक्षा एवं कौशल विकास सेवाएं, टेक्सटाईल एवं परिधान, इलेक्ट्राॅनिक्स एवं आईटी हार्डवेयर, ब्यूटी एवं वैलनैस, हेल्थकेयर और रीटेल।