लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि किसानों को समय से सिंचाई सुविधा नहीं मिल रही है. बुन्देलखंड में किसान संकट से जूझ रहे हैं. खाद-बीज तक का अभाव है. जब वे अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन करते हैं तो उनके खिलाफ बल प्रयोग होता है. महोबा, बांदा, हमीरपुर में किसान आत्महत्या कर चुके हैं. महोबा में 55 वर्षीय किसान उमा शंकर की जब फसल छुट्टा जानवरों ने बर्बाद कर दी तो क्षोभ और अवसाद में गत सोमवार को उसने आत्महत्या कर ली. उस पर 18 लाख रूपए का कर्ज भी था.

अखिलेश ने कहा कि दुःखद है कि बीजेपी राज में किसानों के उत्पीड़न एवं आत्महत्या करने का सिलसिला जारी है. किसानों को लगातार धोखा दिया जा रहा है. किसानों को कृषि उत्पाद के लागत मूल्य में 50 प्रतिशत अतिरिक्त मूल्य देने और किसानों की आय दुगनी करने का बीजेपी का वादा क्या हुआ? किसानों की कर्जमाफी के नाम पर एक रूपए, सात रूपए और बीस रूपए तक के चेक बंटे है. बार-बार पूछने पर भी कर्जमाफ किसानों का ब्योरा सरकार नहीं दे रही है. अपराधों पर रोक लगाने में नाकाम और कुंठित भाजपा सरकार आलू किसानों की पीड़ा समझने के बजाय झूठे मुकदमों में फंसाने की साजिश करने में कोई संकोच तक नहीं करती है. यह भाजपा सरकार का असली चेहरा है.

सपा अध्यक्ष ने कहा कि समाजवादी सरकार किसानों और गांव-गरीबों के हितों के लिए प्रतिबद्ध रही. किसानों की 50 हजार रूपए तक की कर्जमाफी के साथ उनकी बंधक जमीन की नीलामी पर रोक लगा दी गई थी. अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सरकारें केंद्र की हों या प्रदेश की उनका किसान के दुःख दर्द से कोई वास्ता नहीं है. उनकी मुख्य चिंता कारपोरेट घरानों के हित साधन की रहती है. अभी पिछले दिनों लखनऊ में बीजेपी ने निवेशक सम्मेलन के नाम पर बड़े पूंजी घरानों का जमावड़ा किया. जिसमें कृषि को समृद्ध करने की किसी ठोस योजना पर चर्चा तक नहीं हुई.

उन्होंने कहा कि बात साफ है जब चार वर्ष में बीजेपी की केन्द्र सरकार किसानों का कोई कल्याण नहीं कर सकी तो राज्य सरकार से विकास की एक ईंट भी रखने की उम्मीद कैसे की जा सकती है? भाजपा झूठ को सच बनाने के चाहे जितने हथकंडे अपनाए उसके हर काम और कर कदम की सच्चाई अब सामने है.