नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी को लेकर हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. एक न्यूज़ चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक उसके हाथ लगी इनकम टैक्स विभाग की मई 2017 की स्टेटस रिपोर्ट से यह साफ पता चल रहा है कि जब नोटबंदी की घोषणा के बाद पूरा देश एटीएम और बैंकों की लाइन में खड़ा था तब नीरव मोदी ने सरकार, बैंकिंग व्यवस्था और लाइन में खड़ी जनता को अंगूठा दिखाते हुए करोड़ों की कमाई कर ली थी.

'ऑपरेशन क्लीन मनी' नाम से जारी हुई आयकर विभाग की इस रिपोर्ट के मुताबिक नीरव मोदी ज्वेलर्स ने दावा किया कि नोटबंदी की घोषणा के बाद उसने 5200 ग्राहकों से 90 करोड़ लिए. लेकिन रसीद केवल 65 ग्राहकों के लिए जारी की. यानी अपने पास पहले से रखे कैश को ग्राहकों से मिला कैश बताकर ज्वेलर ने उसे आसानी से बुलियन मनी यानी सोने-चांदी में कनवर्ट करवा लिया था.

ज्वेलरी शॉप के सिक्योरिटी गार्ड्स ने इस बात की पुष्टि की है कि 8 नवंबर की रात 8 बजे नोटबंदी की घोषणा के बाद शॉप पर एक भी ग्राहक नहीं आया. ज्वेलर ने उस दिन रात आठ बजे के बाद के सीसीटीवी फुटेज डिलीट कर दिए.

आयकर विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्वेलर ने 5200 लोगों से कैश मिलने का सबूत दिए बिना ही इसका दावा किया जो कि संदेहास्पद है.

इससे यह साफ है कि नीरव मोदी की कंपनी ने नोटबंदी की घोषणा के बाद ग्राहकों से पैसे लिये. कंपनी ने अपने 90 करोड़ के कैश यह कहकर आसानी से बुलियन मनी में कन्वर्ट करवा लिए कि ये कैश 5200 ग्राहकों से मिला था.