लखनऊ । 10 मार्च को लखनऊ झूले लाल पार्क में होने वाले जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश के इज्लास ए आम ‘‘तहफ्फुज़ मुल्क व मिल्लत कान्फ्रेंस’’ की तैयारियां पूरे प्रदेष में बड़े पैमाने पर जारी हैं । इज्लास को ऐतिहासिक बनाने के लिए जमीअत उलमा के जिम्मेदार और पदाधिकारी गांव गांव, शहर शहर दौरा करके लोगों को बैठक के इज्लास ए आम के महत्व और आवष्यकता से परिचित करा रहे हैं । जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष जनाब हजरत मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक उसामा क़ासमी ने सभी प्रांतीय कार्यकर्ताओं को बैठक की तैयारियों में तेज़ी लाने के निर्देश दिए हैं।

इसी सिलसिले में लखनऊ शहर के उलमा, इमामों और बुद्धिजीवियों की दो महत्वपूर्ण बैठकें जामा मस्जिद मुंशी पुलिया में मौलाना कौसर साहब नदवी की निगरानी में और जामिया हफ्साह लिलबनात यासीन गंज में क़ारी रज़ीउद्दीन साहब की निगरानी में आयोजित हुई। दोनों बैठकों में जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष हजरत मौलाना मुहम्मद मतीनुल उल हक उसामा साहब कासमी ने विषेष रूप से मौजूद रहे । हजरत मौलाना उसामा साहब ने अपने बहुमूल्य संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय और प्रांतीय हालात के मद्देनजर जमीअत उलेमा ने यह तय किया है कि प्रदेश उत्तर प्रदेश का अधिवेशन लखनऊ में हो। मौजूदा हालात को देखते हुए अपनी बात को मजबूती से उठाए जाने की जरूरत है क्योंकि राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर पर इस बात की कोशिश हो रही है कि मुसलमानों और अल्पसंख्यकों का हौसला तोड़ दिया जाए और उन्हें मानसिक और बौद्धिक दृष्टि से भयभीत कर दिया जाए क्योंकि मनुष्य की सफलता के आधार उसका मनोबल होता है।

ऐसे माहौल में जमीअत उलमा ए हिन्द नबी स0अ0व0, सहाबा, औलिया अल्लाह और अपने बुजुर्गाें के आदर्ष जीवन को सामने रखते हुए मैदान में दिखती है। हमें इस देश के साथ अपने धार्मिक आदर्शाें और पर्सनल ला की रक्षा भी करनी है, यह देश हमारा अपना घर है, यहां सभी लोग मिलजुल कर रहते हैं, देशवासियों के साथ अच्छा व्यवहार करना और मीडिया और अन्य स्रोतों से डाली जा रही इस्लाम के बारे में उनके मन से गलतफहमियों से निपटने की हमारी जिम्मेदारी है मौलाना ने कहा कि लोकतंत्र में सिर गिने जाते हैं, इसलिए अधिक से अधिक संख्या में 10 मार्च को झूले लाल पार्क पहुंच कर जमीअत उलमा के शांति संदेश के इस मिशन को सफल बनायें।

दोनों ही बैठकों में शामिल उलमा, इमामों और बुद्धिजीवियों ने अपने क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों को जागरूक और 10 मार्च को अधिक से अधिक संख्या में झूले लाल पार्क में पहुँचने की बात कही।

दोनों बैठकों में लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया, जिसमें जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश के कोषाध्यक्ष सैयद हुसैन अहमद हाशमी, सचिव क़ारी अब्दुल मुईद चैधरी, मुफ्ती इज़हार मुकर्रम क़ासमी, हाफिज अमीन उल हक़ अब्दुल्लाह उसामा के अलावा क़ारी सैयद हामिद अली, सैयद जमील अहमद, मौलाना खुबैब अहमद, मौलाना मुहम्मद इदरीस, मौलाना कलीमुल्लाह, हाफिज मुहम्मद अकबर, हाफिज मुहम्मद जैद, मौलाना मुबीन, क़ारी रईसुद्दीन, हाफिज मुहम्मद जुनैद, क़ारी आबिद हुसैन, मौलाना मुहम्मद सईद, हाफिज अब्दुर्रज्जाक़, क़ारी अब्दुस्सलाम, हाफिज नूरूल्लाह सिद्दीकी, क़ारी अब्दुल वाहिद, मौलाना वलीउद्दीन, हाफिज मुकर्रम, क़ारी ज़िया, हाफिज अफ्फान, मुहम्मद आरिफ, मौलाना अफ़रोज, हाफिज मुइ्जुद्दीन, मौलाना जैफुर्रहमान, मौलाना बदर आलम, क़ारी रिजवानुल हक़, हाफिज मुबष्षिर, मौलाना सईद अहमद, हाजी कामरान, मुहम्मद जाकिर आदि मौजूद थे।