नई दिल्ली: दशकों से चल रहे कावेरी जल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने कहा कि कर्नाटक को 14.75 टीएमसी फीट पानी दिया जाए. जबकि तमिलनाडु को 177.25 टीएमसी फीट पानी मिलेगा. यानी तमिलनाडु का 15 टीएमसी फीट पानी घटा दिया गया है.

इससे पहले, कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण द्वारा वर्ष 2007 में किए गए आवंटन के अनुसार कर्नाटक को 270 टीएमसीए फीट जल आवंटित किया गया था. वो अब बढ़कर 284.75 टीएमसीए फीट हो जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि नदी के पानी पर किसी भी राज्य का मालिकाना हक नहीं है. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र , न्यायमूर्ति अमिताव रॉय और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की पीठ ने ये आदेश सुनाया.

सुप्रीम कोर्ट ने केरल को 30 और पुदुचेरी को 7 टीएमसी फीट पानी देने का आदेश दिया है. केरल और पुदुचेरी को मिलने वाले पानी में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल ने न्यायाधिकरण द्वारा वर्ष 2007 में किए गए आवंटन के खिलाफ याचिका दायर की थी. पीठ ने इस याचिका पर अपना फैसला पिछले साल 20 सितंबर को सुरक्षित रखा था.

शीर्ष अदालत ने तमिलनाडु को कावेरी बेसिन के नीचे कुल 20 टीएमसीए फीट जल में से अतिरिक्त 10 टीएमसीए फीट भूजल निकालने की अनुमति भी दी.

न्यायालय ने कहा कि बेंगलूरू के निवासियों की 4.75 टीएमसीए फीट पेयजल एवं 10 टीएमसीए फीट भूजल आवश्यकताओं के आधार पर कर्नाटक के लिए कावेरी जल का 14.75 टीएमसीए फीट आवंटन बढ़ाया गया. उन्होंने कहा कि पेयजल को सर्वाधिक महत्व दिया जाना चाहिए.

न्यायालय ने कहा कि कावेरी जल आवंटन पर उसका फैसला आगामी 15 वर्षों तक लागू रहेगा.