नई दिल्ली: अयोध्या विवाद की सुलह का फार्मूला बताने वाले और मस्जिद को शिफ्ट करने का सुझाव देने वाले मौलाना सलमान नदवी पर अपने इस सुझाव के बदले पांच हज़ार करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगा है. मौलाना नदवी ने यह रिश्वत अमरनाथ मिश्रा से मांगी है.

गौरतलब है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सदस्य मौलाना सलमान नदवी ने श्री श्री रविशंकर से मुलाक़ात में विवादित ज़मीन पर राम मंदिर बनाने और मस्जिद को दूसरी जगह शिफ़्ट करने का फ़ॉर्मूला दिया था.

एक न्यूज़ चैनल पर अमरनाथ के अनुसार उनकी पांच फरवरी को लखनऊ के नदवा कॉलेज में मौलाना नदवी से मुलाकात हुई थी. उन्होंने इस मुलाकात में हमसे कहा हिंदु पक्षकारों की तरफ से जो प्रस्ताव हों वह हमें लिखकर दे दें, इन प्रस्तावों पर बोर्ड की होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी. अमरनाथ के मुताबिक उन्होंने यह प्रस्ताव मौलाना नदवी को लिखकर दे दिया था. मौलाना ने यह प्रस्ताव मीडिया में लीक कर दिया जिससे बोर्ड मौलाना से नाराज़ हुआ, मौलाना को इस प्रस्ताव पर पहले बोर्ड में डिस्कस करना चाहिए था. यही नहीं मौलाना इस बैठक से पहले श्री श्री रविशंकर से मिलने बंगलुरु भी गए थे.

अमरनाथ के अनुसार मौलाना से उनकी पांच फरवरी की मुलाकात के दौरान इमाम कौंसिल के महासचिव हाजी मसरूर खान भी मौजूद थे. अमरनाथ का कहना है कि मौलाना नदवी अयोध्या का इस्लामीकरण करना चाहते हैं. वह अयोध्या को नए मक्का मदीना बनाना चाहते हैं. इसीलिए जब उन्होंने हमसे प्रस्ताव मांगा था तो साथ में पांच हज़ार करोड़ रुपये, दौ एकड़ ज़मीन और राज्यसभा की सीट मांगी थी.

अमरनाथ ने इस मसले में मुख्यत: पांच आरोप लगाए हैं. इसमें सबसे पहला आरोप है कि मौलाना नदवी ने राम जन्मभूमि पर अपना पक्ष बदलने की एवज में पांच हज़ार करोड़ रुपये मांगे. दूसरे उन्होंने 200 एकड़ ज़मीन मांगी. तीसरे मौलाना ने उनसे राज्य सभा की सीट देने की भी मांग की.चौथे,मौलाना नदवी ने अपना यह प्रस्ताव सबसे पहले श्री श्री रविशंकर के सामने रखा था. पांचवे, इस प्रस्ताव की एवज में श्री श्री रविशंकर के दफ्तर से यह जवाब आया कि अयोध्या मसला केवल सदृभाव या सौहार्द से ही सुलझ सकता है. इसे किसी सोदे डील से नहीं.

मौलाना नदवी ने अमरनाथ के सारे आरोपों को खारिज़ करते कहा कि वह अमरनाथ या हाजी मसरूर खान को नहीं जानते हैं. मौलाना नदवी के अनुसार अमरनाथ झूठ बोल रहे हैं. नदवी ने इस परे मामले को साजिश करार दिया. नदवी ने इन आरोपों को लगाने वाले अमरनाथ पर कानूनी कार्रवाई करने से भी मना कर दिया. मौलाना नदवी अपनी इस बात को कहकर कार्यक्रम से उठकर चले गए.

दूसरी तरफ जब इस सिलसिले में इमाम कौंसिल के महासचिव हाजी मसरूर खान से बात की गई तो उन्होंने अमरनाथ के आरोपो की तस्दीक करते हुए कहा कि उनके सामने मौलाना नदवी ने अमरनाथ से पांच हज़ार करोड़ रुपये मांगे थे.