नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने 11400 करोड़ रुपये के लेन-देन के मामले में सीबीआई से दो शिकायतें की हैं। ये शिकायतें अरबपति हीरा व्यवसायी नीरव मोदी और आभूषण बनाने वाली एक कंपनी के खिलाफ की गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने घोटाले के आरोपी अरबपति ज्वेलर नीरव मोदी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया है। मोदी के आभूषण विश्व भर की हस्तियों के बीच लोकप्रिय हैं और उन्हें सीबीआई जांच का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि एजेंसी मामले में उपयुक्त कानूनी कार्रवाई चाहती है।

अधिकारियों ने बताया कि पीएनबी की शाखा में 280 करोड़ रुपये के कथित ठगी और धोखाधड़ी मामले में वह सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पीएनबी से कल उसे दो शिकायतें मिलीं जिनमें आरोप लगाया गया कि बैंक ने 11400 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जी लेन-देन का पता चला जिसमें मोदी और आभूषण कंपनी शामिल हैं।

अधिकारियों ने राष्ट्रीय बैंक की तरफ से मिली शिकायत में आगे की कार्रवाई के बारे में विस्तार से नहीं बताया। उन्होंने कहा कि डिजाइनर और कंपनी के खिलाफ उपयुक्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। यह स्पष्ट नहीं हुआ कि शिकायत में जिस आभूषण कंपनी का जिक्र है वह मोदी से जुड़ी हुई है या नहीं।

इस बीच बैंक ने स्टॉक एक्सचेंज बीएसई को मुंबई की एक शाखा में 1771. 69 मिलियन डॉलर से ज्यादा ''धोखाधड़ी एवं अनधिकृत लेन-देन के बारे में सूचित किया है। बीएसई को दी गई जानकारी में पीएनबी ने कहा कि बैंक को मुंबई शाखा में कुछ धोखाधड़ी एवं अनधिकृत लेन-देन के बारे में पता चला है।

इस घोटाले में कई बड़ी आभूषण कंपनियां मसलन गीतांजलि, गिन्नी और नक्षत्र भी विभिन्न जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में आ गई हैं। पंजाब नेशनल बैंक ने आज सुबह खुलासा किया कि उसने 1.77 अरब डालर (11,346 करोड़ रुपये) का धोखाधड़ी वाले लेनदेन पकड़ा है। इस मामले को वसूली के लिए विधि प्रवर्तन एजेंसियों को भेज दिया गया है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''चार बड़ी आभूषण कंपनियां गीतांजलि, गिन्नी, नक्षत्र और नीरव मोदी जांच के घेरे में हैं। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय उनकी विभिन्न बैंकों से सांठगाठ और धन के अंतिम इस्तेमाल की जांच कर रहे हैं।

अधिकारी ने कहा कि वित्त मंत्रालय से सख्त निर्देश है कि कोई बड़ी मछली बचने न पाए और ईमानदार करदाता को किसी तरह की परेशानी न हो। अधिकारी ने कहा कि बैंक अब अपनी प्रणाली और प्रक्रियाओं की जांच कर रहे हैं ताकि इस तरह का घोटाले की पुनरावृत्ति न हो। सभी बैंकों से जल्द से जल्द स्थिति रिपोर्ट देने को कहा गया है। वर्ष 2015 में बैंक आफ बड़ौदा में भी दिल्ली के दो कारोबारियों द्वारा 6,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया था।

वित्त मंत्रालय ने कहा है कि यह मामला 'नियंत्रण के बाहर नहीं है और इस बारे में उचित कार्रवाई की जा रही है। वित्तीय सेवा विभाग में संयुक्त सचिव लोक रंजन ने यहां एक कार्यक्रम के मौके पर अलग से कहा, ''मुझे नहीं लगता कि यह नियंत्रण से बाहर या इस समय कोई बड़ी चिंता की बात है।

इससे पहले दिन में पीएनबी ने खुलासा किया कि उसने कुछ धोखाधड़ी वाले लेनदेन का पता लगाया है। ये लेनदेन 1.171 अरब डॉलर या करीब 11,334.4 करोड़ रुपये के हैं। वसूली के लिए यह मामला विधि प्रवर्तन एजेंसियों को भेज दिया गया है। बैंक ने कहा कि इन लेनदेन के आधार पर अन्य बैंकों ने संभवत: कुछ ग्राहकों को विदेशों में ऋण दिया है।

इस मामले को पहले ही विधि प्रवर्तन एजेंसियों को भेज दिया गया है, जिससे दोषियों के खिलाफ कानून के हिसाब से कार्रवाई हो सके। बैंक ने कहा कि वह स्वच्छ और पारदर्शी बैंकिंग को लेकर प्रतिबद्ध है। दस दिन से भी कम के समय में यह बैंक धोखाधड़ी का दूसरा मामला सामने आया है। इससे पहले पांच फरवरी को सीबीआई ने अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी, उनकी पत्नी, भाई और एक व्यापारिक भागीदार के खिलाफ वर्ष 2017 में पीएनबी के साथ 280.70 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था।