लखनऊ। गीता परिवार उ.प्र. के अंतर्गत पांच दिवसीय योग शिविर का आयोजन भगवतीपुर, इटौंजा, लखनऊ में सम्पन्न हुआ। शिविर संयोजक काशीराम ने बताया कि योगः कर्मसु कौशलम्् अर्थात् अपने कार्यों में कुशलता ही योग है। योग का अर्थ आसन नहीं अनुशासन है इस विषय पर बच्चां को महत्वपूर्ण जानकारियां दी। योग प्रशिक्षक धर्मेन्द्र पाल, द्वारकेश के निर्देशन में सूर्य नमस्कार सहित विविध तरह के आसनों, प्राणयाम कराये गये। राजीव दीक्षित, शुभम अवस्थी ने बताया कि योग करने का सबसे उपयुक्त समय सुबह ही है। संभव हो तो सुबह ही योगाभ्यास करना चाहिए। पढ़ाई करने वाले बच्चों शाम को भी योगाभ्यास या भोजन करने के चार घंटे बाद भी योग कर सकते है। योग से शारीरिक, मानसिक विकास होता है। नियमित योग करने निरोग बन सकते है। मन एक्राग व शांत रहता है। योगसोपान दलप्रमुख अरविन्द शर्मा, सौरभ मिश्र ने बताया कि इस साल गीता परिवार उ.प्र. विभिन्न स्थानों पर बच्चों को योगसोपान सिखायेंगे, शीर्षासन के 108 बच्चों तैयार करने व 100 स्कूलों में योगसोपान का सिखाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसका उद्देश्य बच्चों में योग प्रति जागरूकता एवं अपने शरीर को रोगमुक्त करना है।