नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार तेजी से ठंड में भी लोगों के पसीने छूटने लगे हैं. इंटरनेशनल क्रूड प्राइस में लगातार इजाफा से मुंबई में सोमवार को पेट्रोल की कीमत बढ़कर 80.10 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत बढ़कर 67.10 रुपए प्रति लीटर हो गई. दिल्‍ली में भी सोमवार को पेट्रोल की कीमत बढ़कर 72.23 रुपए हो गई.

पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ने से दोनों को जीएसटी के दायरे में लाना मजबूरी हो गई है. सूत्रों के मुताबिक अब सरकार इस पर गंभीरतापूर्वक विचार करने लगी है. रविवार को पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मामलों के मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा भी कि पेट्रोल, डीजल और केरोसीन को जीएसटी के दायरे में लाने पर सरकार विचार कर रही है. इससे सभी राज्‍यों में इनकी एक सी कीमत संभव होगी.

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में जारी तेजी से आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ता जा रहा है. पिछले एक महीने में पेट्रोल के दाम लगभग 3 रुपए बढ़ गए हैं. एक्सपर्ट्स के अनुसार फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है.

आपको बता दें कि इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल महंगा होने और भारतीय रुपये में आई कमजोरी के चलते पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव पहले ही 3 साल के ऊपरी स्तर पर है, इस बीच कई एजेंसियों ने साल 2018 के लिए कच्चे तेल के औसत भाव के अनुमान में इजाफा किया है. मॉर्गन स्टैनले और बैंक ऑफ अमेरिका मैरिल लिंच ने 2018 के लिए कच्चे तेल के औसत भाव के अनुमान में बढ़ोतरी की है, बैंक ऑफ अमेरिका मैरिल लिंच ने अपने अनुमान में 8 डॉलर की बढ़ोतरी की है, अब 2018 में ब्रेंट क्रूड का औसत भाव 64 डॉलर और WTI क्रूड का औसत भाव 60 डॉलर रहने का अनुमान लगाया है. इसीलिए एक्सपर्ट्स मान रहे हैं ऐसे में पेट्रोल का भाव 85 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच सकता है.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में जो बढ़ोतरी हो रही थी, उसकी मार भारतीय तेल कंपनियों पर कम पड़ रही थी, क्योंकि घरेलू स्तर पर भारतीय करेंसी रुपया मजबूत था. रुपए की मजबूती की वजह से तेल कंपनियों को विदेशों से तेल आयात की लागत कुछ कम पड़ रही थी. लेकिन अब तेल कंपनियों को यह राहत नहीं रही है, डॉलर के मुकाबले रुपए में अचानक तेज गिरावट आ गई है जिस वजह से तेल कंपनियों की लागत बढ़ने लगी है और उनको इस लागत का बोझ ग्राहकों पर डालने के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी करने पर मजबूर होना पड़ेगा. अगर रुपए में कमजोरी और बढ़ती है तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होना लगभग तय हो जाएगा.