लखनऊ: आॅल इण्डिया हुसैनी सुन्नी बोर्ड के कौमी नायब सदर सैयद जुनैद अशरफ किछौछवी ने कहा कि आज़ादी के समय से हज पर जाने वाले यात्रियों को दी जाने वाली सब्सिडी हटाकर केन्द्र सरकार दुनिया को क्या संदेश देना चाहती हैं समझ से परे है। वाकई अगर केन्द्र सरकार सब्सिडी की बचत से देश का आर्थिक मजबूत करना चाहती है तो हिन्दुस्तान के मुसलमानों को इसमे कोई एतराज़ न पहले था न आज है। लेकिन सवाल नीयत का है अगर केन्द्र सरकार हज यात्रियों को लेकर वाकई संजीदा है तो उसे हज पर जाने वाले यात्रियों के लिए चुनी जाने वाली एयरलाइंस का चुनाव प्रत्यक्ष तौर पर न करके बल्कि उसे टेण्डर द्वारा तय करना चाहिए। भारत से आम दिनों में जद्दा की टिकट दर, हज के दिनों से लगभग 40 प्रतिशत कम क्यों होती है जबकि हज की टिकटे 2 महीना पूर्व ही बुक करा दी जाती है। अगर यही टिकट यात्री को स्वयं चुनने का अधिकार मिल जाए तो उनकी एयर टिकट में भारी गिरावट आ सकती है क्योंकि एयरलाइंस कंपनियों में प्रतिस्पर्धा बढ़ जायेगी। इससे उन्हें मिलने वाली सब्सिडी का स्थानपन्न भी मिल जायेगा। धार्मिक यात्रा होने के बावजूद एवं 2 महीना पूर्व में खरीदी गई टिकट रेट अधिक क्यों होता है ? क्या इस पर किसी भी केंद्र सरकार तवज्जो क्यों नहीं दिया गया? इसका लाभ कौन लोग उठा रहे हैं? हज यात्रियों को इसका लाभ क्यों नहीं मिल रहा है? हज यात्रियों को खुद ही अपनी एयरलाइंस चुनने का अधिकार क्यों नहीं दिया जा सकता? इसके अलावा हज पर जाने वाले डीलेगेट मेम्बर रोक लगने के बाद इसका फायदा क्या हज यात्रियों को क्या नहीं मिलना चाहिए? यह कुछ चुनिंदा सवाल है जिस पर केन्द्र सरकार को अपना रूख साफ करना चाहिए।