इंस्टेंटखबर ब्यूरो

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोमवार को लखनऊ में 62वां जन्मदिन मनाया. इस दौरान मायावती ने मेरे संघर्षमय जीवन एवं BSP मूवमेंट का सफरनामा भाग-13 का विमोचन भी किया.

अपने संबोधन में मायावती ने सभी बीजेपी और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा​ कि पूंजीवादी सोच रखने वाली पार्टियां हमारी पार्टी को पसंद नही करती हैं. बीजेपी के लोग हमारी पार्टी को खत्म करने की किस्म-किस्म की तरकीब अपना रहे हैं. कांग्रेस और बीजेपी चोर-चोर मौसरे भाई हैं.

उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा​ कि बाबा साहब को भारत रत्न क्यों नही दिया गया था? मंडल कमीशन की सिफारिशों का बीजेपी ने विरोध किया था. समाज के दबे कुचले लोगों को आज भी समान अधिकार नहीं मिल पा रहा है.

इन वर्गों के अपने पैरों में न तो बीजेपी खड़ा कर पाएगी और ना ही कांग्रेस. हमारी पार्टी बीच-बीच मे संघर्ष करती रही है और आगे भी करती रहेगी. बीजेपी और आरएसएस हमारी पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

2014 के लोकसभा चुनाव में ईवीएम पर बड़ा घोटाला करके हमारी पार्टी को राजनीतिक नुकसान पहुंचाया है. सहारनपुर की घटना में भी हमारी पार्टी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई लेकिन हमारी पार्टी की सूझबूझ से ऐसा नहीं कर पाए.

उन्होंने कहा कि मुझे राज्यसभा में बोलने नही दिया गया, जिसके चलते हमने इस्तीफा दिया. इसी तरह बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर को भी परेशान किया गया था, जिसके चलते उन्होंने कानून मंत्री पद से इस्तीफा दिया था. मायावती ने कहा कि हमारे इस्तीफे से लोगों को अब समझ आ गया है. यही कारण है कि स्थानीय निकाय चुनाव में बड़ी सफलता मिली, वहीं हर हर मोदी, घर घर मोदी नारा लगाने वाले नरेंद्र मोदी अपने घर में बेघर होने से बाल-बाल बचे.

मायावती ने कांग्रेस पर भी साधा निशाना. उन्होंने पूछा कि कांग्रेस बताए कि 1951 में बाबा साहेब को इस्तीफा क्यों देना पड़ा? कांग्रेस ने मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू क्यों लागू नहीं की?

उन्होंने कहा कि इनकी मंशा देशहित में ईमानदार नहीं है इसीलिए जनता ने इनको लगभग 70 वर्षों से सत्ता से दूर रखा था. अब मोदी के मंत्री ये कहते हैं कि बहुत जल्द ही संविधान बदल दिया जाएगा. इस पर तो मंत्री को तत्काल बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए था लेकिन आरएसएस तो इस कार्य से खुश होती है.

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट विवाद पर कहा कि न्यायपालिका विपक्ष की भूमिका अदा करता था लेकिन न्यायपालिका से भी भिड़ी हुई है, जो चिंताजनक विषय है. बसपा को नजरअंदाज करने वाले लोग बसपा पर नजर गड़ाए हुए हैं.

बीजेपी लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव भी कर सकती है. पिछले कई वर्षों से जनता घुट-घुट कर जी रही है.

नोटबन्दी से जो परिवार बहुत परेशान हुए, उनकी सुध हमारी पार्टी ले रही है. इससे कई लोगों के रोजगार छिने. इस आर्थिक इमरजेंसी से जनता परेशान है. जीएसटी से मंहगाई और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला. मझोले और छोटे कारोबारी परेशान हैं.

ईवीएम मामले में मायावती ने अपना आरोप दोहराते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव मे ईवीएम में बड़े पैमाने पर धांधली की गई. ये लोग बैलेट पेपर से चुनाव कराने में क्यों घबराते हैं? उन्होंने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त को इस पर गंभीरता से सोचना चाहिए. जनता के साथ वादाखिलाफी की आवाज चारों तरफ से उठने लगी है.