नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में शनिवार को टीचरों ने विरोध का अनूठा तरीका अपनाया। राजधानी भोपाल में टीचरों ने अपने सिर मुंडवा लिए, जिसमें भारी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। ऐसा उन्होंने अध्यापक अधिकार यात्रा में विरोध प्रदर्शन के दौरान किया। महिला टीचरों ने इस दौरान सिर मुंडवा कर राज्य सरकार का ध्यान अपनी ओर खींचने का प्रयास किया। टीचरों की मांग है कि समान काम के लिए उन्हें समान वेतन दिया जाना चाहिए। वे इसी के साथ उचित ट्रांसफर पॉलिसी की मांग भी उठा रहे हैं। राजधानी में हुए इस विरोध प्रदर्शन से पहले शुक्रवार को यह यात्रा विदिशा पहुंची थी। शहर के मुख्य रास्तों से इस दौरान विरोध करते हुए टीचर्स ने रैली निकाली थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भोपाल में विरोध प्रदर्शन के दौरान हजारों की संख्या में टीचर्स एकजुट हुए थे। अधिकार यात्रा सुबह नौ बजे से विदिशा से भोपाल पहुंची थी। यहां तकरीबन 100 टीचर्स ने अपने सिर मुंडवाए, जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं। यह विरोध प्रदर्शन आजाद अध्यापक संघ के बैनर तले आयोजित किया गया था।

मध्य प्रदेश शिक्षक संघ ने इस बाबत पांच दिनों पहले प्रदेश सरकार को अल्टीमेटम दिया था। उसके जरिए संघ का कहना था कि अगर उन लोगों की मांगें नहीं पूरी हुईं तो वह सामूहिक रूप से अपना मुंडन करा लेंगे। यही कारण है कि आज (13 जनवरी) को भोपाल के दशहरा ग्राउंड में भारी संख्या में टीचर्स एकजुट हुए और उन्होंने अपनी आवाज बुलंद की।

महिला टीचर्स को बाल मुंडवाते देख, कई लोगों की आंखों से आंसूं तक छलक उठे थे। टीचर्स का कहना है कि वह सरकार की अनदेखी के बाद भी झुकने वाले या रुकने वाले नहीं है। वे विरोध को जारी रखेंगे। मध्य प्रदेश शिक्षक संघ की अध्यक्ष शिल्पी सीवान ने इस बारे में कहा, “राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार इतने सालों से है, मगर वह उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है।”