नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज दिल्ली में कहा कि तमाम कोशिशों के बावजूद जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों की संख्या और आतंकवाद की घटनाएं नहीं घटी हैं. उन्होंने कहा कि बुरहान वानी के बाद जो हालात बिगड़े थे वह साउथ कश्मीर में बिगड़े थे. इंसर्जेंसी जब बिल्ट अप एरिया में होती है तो बहुत मुश्किल होती है. हमारा ह्यूमन राइट रिकॉर्ड बहुत अच्छा है, अगर आतंकी किसी घर में छुपा होता है तो वह घबराया हुआ होता है जिसके चलते वह फायर करता है और हमारी कैसुअल्टीस हो जाती है.

उन्होंने कहा कि हमने 39 आतंकी ज़िंदा भी पकड़े हैं. हम उनको पूरा मौक़ा देते हैं, संपर्क करते हैं पर मैं यह कह सकता हूं कि कश्मीर में आतंकवाद ख़त्म नहीं हुआ है. इस बार हमारा ज़्यादा फोकस उत्तरी कश्मीर होगा. हम गहन ऑपरेशन बारामूला, हंदवाड़ा, बांदीपुर, पट्टन आदि उत्तरी कश्मीर पर फोकस करेंगे.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादी लगातार भेजता ही रहेगा, आप जितने मारोगे वह फिर भेज देगा, इसलिए हमने निर्धारित किया कि पाकिस्तानी सेना की उन पोस्ट्स को निशाना बनाया जाए जहां से आतंकवादियों को मदद मिल रही है. हमारा मक़सद पाकिस्तानी पोस्ट्स को बर्बाद करना रहा है ताकि वह दर्द उनको महसूस हो. इसलिए, जो कैसुअल्टीस पाकिस्तान ने झेली है वो हमसे तीन-चार गुना ज़्यादा है.

जब उनसे पूछा गया कि क्या डोकलाम में लड़ाई भी हो सकती थी? तो उन्होंने कहा कि आप इस स्थिति के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. उन्होंने कहा कि हां, ऐसा हो सकता था. यदि यह बढ़ जाता तो ऐसा हो सकता था और हम इसके लिए तैयार थे लेकिन हम इसे इसी इलाके में सीमित रखना चाहते थे क्योंकि यहां के इलाके का भूगोल हमारे पक्ष में था. हम ज़्यादा चिंतित हैं साइबर और इनफार्मेशन वारफेयर के प्रति. कहीं ऐसा न हो कि आपके बैंक अकाउंट से पैसे ही उड़ जाएं.