लखनऊ: स्टार्टअप कम्पनी ज़िटा अब नकदी रहित और सुपरफास्ट भुगतानों को शुरू करते हुए भारतीय प्रबंधन संस्थान, लखनऊ के परिसर को डिजिटाइज करेगा। इसी के साथ आईआईएम लखनऊ, डिजिटल भुगतानों को लागू करने वाले भारत के पहले बिजनेस स्कूलों में से एक बन जाएगा जो कि डिजिटल ट्रांजैक्शन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की नीति के अनुरूप कदम है। ज़िटा अपने एप्प, सुपर कार्ड और सुपर टैग के जरिए एप्प, कार्ड और एनएफसी सक्षम लेनदेन की पेशकश देगा।

आईआईएम लखनऊ के छात्रों के लिए कैशलेस समाधान देने के अलावा छात्र ज़िटा के एप्प आधारित स्वचालित ऑर्डरिंग फीचर – ज़िटा एक्सप्रेस रिमोट का उपयोग कर अपने हॉस्टल रूम से बाहर निकले बिना आराम से भोजन भी ऑर्डर कर सकेंगे। स्टूटेंड्स से लेकर शिक्षक तक, परिसर में मौजूद सभी खाद्य विक्रेताओं के मेनू का उपयोग करते हुए कुछ भी मंगवा सकेंगे, भुगतान ज़िटा एप्प के जरिए किया जा सकेगा। यही नहीं, इस दौरान ऑर्डर की डिलीवरी में लगने वाले समय को भी ट्रैक किया जा सकेगा।

कैम्पस के डिजिटाइज होने से सैकड़ों छात्रों को लाभ होगा। जिसमें समय की बचत से लेकर भीड़ भरी लंबी कतार में लगने से बचाव शामिल है जो कि कैम्पस के व्यस्त समय में अक्सर होता है।

ज़िटा के सीईओ और सह-संस्थापक श्री भाविन तुरखिया ने कहा, ‘आईआईएम लखनऊ के साथ भागीदारी करते हुए हम वास्तव में बहुत प्रसन्न खुश हैं और एक तरह से हम कल के कारोबारी नेताओं के साथ काम कर रहे हैं। छात्रों को ही परिवर्तन का वाहक कहा जाता है और शैक्षिक संस्थाओं का डिजिटलीकरण करने से विद्यार्थियों को अपने शुरुआती दौर में ही डिजिटल भुगतान को अपनाने की ओर प्रवृत्त करने सहित भारत को डिजिटल अर्थव्यवस्था में बदलने में मदद मिलेगी। 1500 से अधिक कंपनियों को अपने कर्मचारी लाभों को डिजिटल करने में मदद करने के बाद एक प्रमुख शैक्षणिक संस्थान के साथ भागीदारी करते हुए हम एक रोमांचक रास्ते पर आ गए हैं। हम इस नए रास्ते और नई दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।’