AAP ने किया आम व्यापारियों से अपनी लड़ाई खुद लड़ने का आवाहन

लखनऊ: आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी ने बताया कि एफडीआई को लेकर भाजपा का यू टर्न पूरे देश को देश के व्यापारियों को धोखा देने जैसा है, एक समय 2012 में 49परसेंट एफडीआई के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन, धरने और भारत बंद जैसी कार्यवाही करवाने वाली भाजपा आज उसी एफडीआई को 100% कर के देश में ला रही है, जिससे रिटेल व्यापार और छोटे व्यापारियों का तबाह हो जाना निश्चित है, इस काम को आम आदमी पार्टी देशद्रोह के जैसा मानती है, साथ ही प्रदेश प्रवक्ता ने हैरत जताते हुए कहा कि जो व्यापार संगठन 49परसेंट एफडीआई पर व्यापारी हितों की दुहाई देते हुए सड़कों पर भारत बंद करा रहे थे, वह आज सौ पर्सेंट एफडीआई होने के बावजूद चुप्पी साधे बैठे हैं, इससे शक पैदा होता है कि आज के व्यापारी संगठन और नेता व्यापारी हितों की लड़ाई नहीं लड़ रहे बल्कि भाजपा के हाथों की कठपुतली बन कर निजी हितों की राजनीति कर रहे हैं |

आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे पर व्यापक विरोध प्रदर्शन की रणनीति बनाई है, वैभव माहेश्वरी ने कहा कि पार्टी व्यापारियों के साथ किए जा रहे इस धोखे को पार्टी स्वीकार नहीं करेगी, इस क्रम में 13 जनवरी को पार्टी उत्तर प्रदेश इकाई के सभी जिलों में जिला मुख्यालयों पर वित्त मंत्री अरुण जेटली का पुतला फूंक कर प्रदर्शन करेगी और एफडीआई को वापस लेने संबंधी ज्ञापन देगी, इसके बाद इस आन्दोलन को और भी तेज किया जायेगा |

भाजपा सरकार के मंत्रियों के बयान संवेदनहीनता का पराकाष्ठा

प्रेस वार्ता में मौजूद प्रदेश प्रवक्ता सभाजीत सिंह ने बताया कि योगी सरकार द्वारा स्कूलों में स्वेटर अभी तक नहीं दिए गए हैं, बच्चों को भयानक जाड़े में स्कूल जाना पड़ रहा है, यह उनके जीवन से खिलवाड़ है, और स्वेटर वितरित न करने के पीछे योगी सरकार के मंत्री और अधिकारी बेहद बेहूदा और भद्दे तर्क और बयान देकर गरीब बच्चों का मजाक उड़ा रहे हैं, सरकार के मंत्री शाही का कहना है "अभी सर्दियां मार्च तक पड़ेगी, स्वेटर मिल जाएंगे, जल्दी क्या है", वहीं दूसरी जिम्मेदार मंत्री का कहना है कि, "अभी सर्दियां ठीक से शुरु भी नहीं हुई है, स्वेटर मिल जाएंगे, जल्दी क्या है" | यह एसी कमरों और एसी गाड़ियों में कोट और मफलर पहनकर बैठे नेताओं की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है |

कहाँ हैं रेन बसेरे, अलाव ?

एक तरफ जहां दिल्ली सरकार ने निराश्रितों के लिए इस सर्दी में आरामदायक रैन बसेरे बनवाए हैं, जिनमें अच्छे बिस्तर, पानी के गीजर, शौचालय, TV आदि तक की व्यवस्था है, वहीं दूसरी तरफ योगी सरकार ऐसे लोगों के प्रति पूरी तरह संवेदनहीन है, रैनबसेरों की व्यवस्था के नाम पर सिर्फ कागजी दावे किए जा रहे हैं, अलाव जलाने की जो व्यवस्था शुरू से रही है, आज वह कागजों तक सिमट के रह गई है और योगी जी इन सब पर ध्यान देने के बजाय कर्नाटक तथा दूसरे प्रदेशों में जाकर उत्तर प्रदेश के विकास के झूठे दावे बड़ी बेशर्मी के साथ कर रहे हैं |