नई दिल्ली: चारा घोटाला में सजायाफ्ता लालू प्रसाद रांची की बिरसा मुंडा जेल में हैं. वह 23 दिसंबर को जेल पहुंचे. लेकिन इससे पहले ही उनके रसोइया लक्ष्मण कुमार और सेवक मदन यादव जेल पहुंच गए. ताकि वह वहां उनकी सेवा कर सकें. जेल जाने के लिए इन्होंने अपने खिलाफ जानबूझकर केस दर्ज कराया.

लक्ष्मण और मदन, दोनों रांची के रहने वाले हैं. लालू प्रसाद के विश्वासपात्र हैं. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जेल में लालू की सेवा के लिए उनके सेवादार पहुंचे हों. पिछली बार भी जब लालू होटवार जेल में बंद हुए थे, तो मदन उनकी सेवा के लिए जेल पहुंचा था.

बीते 23 दिसम्बर को जब चारा घोटाला से जुड़े देवघर कोषागार मामले में लालू के जेल जाने की आशंका बनी, तो चाहने वालों ने आनन-फानन में मदन और लक्ष्मण को जेल पहुंचा कर उनकी सेवा का रास्ता बना दिया. दोनों के खिलाफ लोअर बाजार थाने में धारा 341, 323, 504, 379 और 34 के तहत केस दर्ज कराया गया. दोनों का पता गंगा खटाल, हिनू, साकेत नगर बताया गया.

जानकारी के मुताबिक, मदन और लक्ष्मण को जेल भेजने के लिए फर्जी मारपीट का मामला गढ़ा गया. पहले इसकी शिकायत डोरंडा थाने में शिकायत दर्ज कराई गई, लेकिन जब डोरंडा थानाप्रभारी ने इस मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजने से इनकार कर दिया तो फिर लोअर बाजार थाने में मारपीट का केस दर्ज कराया गया. उधर पहले से तैयार वकील ने मदन-लक्ष्मण को कोर्ट में सरेंडर कराकर दोपहर दो बजे दोनों को जेल पहुंचा दिया. लालू प्रसाद उसी दिन शाम चार बजे जेल पहुंचे.