नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग (पीएमएलए) के मामले में दिल्ली की एक अदालत में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती के खिलाफ दूसरा आरोपपत्र दायर किया है. इस मामले में ईडी एक आरोप-पत्र पहले ही मीसा भारती के खिलाफ दाखिल की चुका है. अदालत दोनों आरोप-पत्रों पर पांच फरवरी को विचार करेगी.

आपको बता दें कि 23 दिसंबर को अदालत में दाखिल आरोप पत्र ईडी ने मीसा के अलावा उनके पति शैलेश कुमार और अन्य को आरोपी बनाया था. ये पांच हजार करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का मामला था जिसमें व्यवसायी गगन धवन के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया था.

ईडी ने जुलाई में इस मामले के संबंध में भारती के चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश अग्रवाल के खिलाफ पूरक आरोप-पत्र दायर किया था, जिसमें कुछ कारोबारियों समेत कारोबारी बंधु सुरेंद्र जैन और वीरेंद्र जैन सहित लगभग 35 लोग आरोपित थे. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 20 मार्च को जैन बंधुओं को गिरफ्तार किया था. इस मामले में ईडी ने मई में पहला आरोप-पत्र दायर किया था, जिसके बाद 22 मई को अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया गया.

अग्रवाल पर भारती के पति की कंपनी, मिशैल पैकर्स एंड प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड की गलत तरीके से मदद के भी आरोप हैं. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने भारती से पूछताछ की थी और दिल्ली में उनके तथा पति से संबंधित तीन ठिकानों पर छापे मारे थे. ईडी ने कहा कि उसने गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) द्वारा यहां तीस हजारी अदालत में आपराधिक शिकायत दायर कराने के बाद इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की है.

ईडी के आरोप-पत्र के अनुसार, जैन बंधुओं का काम नकदी को ठिकाने लगाने, लेनदेन के तरीके तलाशने और अंत में शोधित धन को एक जगह जुटाकर उसे बैंकिंग व्यवस्था में वैध शेयर प्रीमियम लेनेदेन के रूप में दिखाकर काले धन को सफेद करना था. आरोप-पत्र में कहा गया है कि नकदी धनराशि लाभार्थियों की ओर से मध्यस्थों द्वारा लाई गई. आरोप-पत्र में कहा गया है, "जैन बंधुओं ने इस प्रक्रिया के तहत काले धन को शेयर प्रीमियम में बदल कर कुछ प्रतिशत आमदनी कमाए."
आरोप-पत्र के अनुसार, "जांच के दौरान यह पता चला कि 2007-2009 के दौरान मिशैल पैकर्स और प्रिंटर के 1,20,000 शेयरों को शिलिनी होल्डिंग्स लिमिटेड, एड-फिन कैपिटल सर्विसिस (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, मनी माला, दिल्ली प्रॉपर्टी प्राइवेट लिमिटेड और डायमंड विनीम प्राइवेट लिमिटेड जैसी चार फर्जी कंपनियों द्वारा 100 रुपये प्रति शेयर पर खरीदा गया."

आरोप-पत्र में कहा गया था कि शालिनी होल्डिंग्स, एड-फिन और मनी माला कंपनियों को जैन बंधुओं द्वारा प्रबंधित और नियंत्रित किया जाता था, जबकि डायमंड विनिमी संतोष कुमार शाह द्वारा प्रबंधित किया जाता था. आरोप-पत्र में कहा गया है कि 1,20,000 शेयरों को बाद में भारती ने साल 2009 में प्रति शेयर 12 रुपये की दर से खरीद लिया था.