चंडीगढ़: हरियाणा के सोनीपत में एक निजी अस्पताल की संवेदनहीनता सामने आई है. जिसकी वजह से करगिल शहीद की पत्नी की मौत हो गई. अस्पताल ने महिला को इसलिए भर्ती नहीं किया क्योंकि परिवावालों के पास उनके आधार की ओरिजनल कॉपी नहीं थी. परिववारवालों का आरोप है कि उनकी तरफ से मोबाइल पर आधार कार्ड की ई-कॉपी और आधार का नंबर अस्पताल को दिखाया गया था लेकिन बावजूद इसके अस्पताल ने इलाज करने से मना कर दिया. महिला को अस्पताल में जगह न दिए जाने पर जब उन्हें दूसरे अस्पताल ले जाया जा रहा था उस दौरान उनकी मौत हो गई. ये मामला गुरुवार का है.

ये आरोप सोनीपत के टूलिप हॉस्पिटल लगे हैं. कारगिल युद्ध में शहीद हुए सोनीपत के गांव महलाना लक्ष्मण दास के बेटे पवन कुमार ने बताया कि उनकी मां शकुंतला को कैंसर था उनको इलाज के लिए सोनीपत के टूलिप हॉस्पिटल लेकर पहुंचे तो आधार कार्ड मांगा गया लेकिन न होने पर भर्ती करने से मना कर दिया गया. इसके बाद हॉस्पिटल के बाहर हंगामा भी हुआ और आखिर में थक-हारकर पवन अपनी माँ को लेकर दूसरे अस्पताल लेकर चला गया लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया.

वहीं टूलिप हॉस्पिटल के डॉक्टर अभिमन्यु ने इस घटना पर मीडिया को अपनी सफाई देते हुए कहा कि किसी को भी इलाज के लिए मना नहीं किया जाता है. मरीज को इमरजेंसी वार्ड में लाया गया थे परन्तु परिजन अपनी मर्जी से उन्हें वहां से उठाकर ले गए. डॉक्टर का कहना था कि अस्पताल के अपने कुछ नियम कानून है जिन्हें मानना पड़ता है. पेपर वर्क पूरा करना पड़ता है लेकिन इलाज पहले ही शुरू कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि यदि कोई मरीज गंभीर हालत में है तो तुरंत उसे दाखिल किया जाता है और उसका इलाज शुरू किया जाता है. इलाज में कभी कोई कोताही नहीं बरती जाती.