नई दिल्ली: लोकसभा में गुरुवार की तीन तलाक के खिलाफ बिल पेश करने के बाद चर्चा के दौरान कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस बिल को महिला के समानता वाला बिल बताया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार हुआ है। शरीयत में दखल नहीं दे रहे हैं। कानून मंत्री ने कहा कि तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले आने के बाद भी सौ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि इसके बाद पुलिस से नहीं बल्कि सिर्फ मजिस्ट्रेट से ही जमानत संभव हो पाएगी।

रविशंकर ने तीन तलाक बिल पर बोलते हुए कहा इसे राजनीति से ना जोड़े। कानून मंत्री ने कहा कि मजहब के तराजू पर बिल को ना तौला जाए। धर्म या राजनीति के लिए यह बिल नहीं लेकर आए हैं। हालांकि, तीन तलाक पर लाए गए इस बिल का जमकर विरोध भी हुआ है। एआईएमआईएम, आरजीडी, टीएमसी और बीजेडी समेत कई दलों ने इसकी तीखी आलोचना की है। आइये देखते हैं किसने क्या कहा है-

उधर, इस तीन तलाक बिल में कांग्रेस ने कुछ खामियां बतायी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हर कोई महिलाओं को अधिकार देने के पक्ष में है। उन्होने कहा कि इस बिल को संसद की स्थायी समिति में भेजा जाना चाहिए। जबकि, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह बिल मौलिक अधिकारों का हनन करता है।