अहमदाबाद: पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने गुजरात विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को अपना समर्थन देने की घोषणा की है। हार्दिक ने कहा कि विपक्षी दल कांग्रेस ने पटेल समुदाय को ''विशेष श्रेणी" में आरक्षण देने की उनकी मांग को स्वीकार कर लिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने हार्दिक पटेल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी संयुक्त लड़ाई से बीजेपी सत्ता से बाहर हो जाएगी।

बहरहाल, सिब्बल ने इस बारे में चुप्पी साधे रखी कि कांग्रेस और पटेल नेताओं के बीच आरक्षण को लेकर कौन से फार्मूले पर सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि संबंधित नियमों को बाद में तय किया जाएगा। उन्होंने कहा, ''हमें खुशी है कि साझा मोर्चा अब बीजेपी के खिलाफ लड़ेगा…हम उनका आभार व्यक्त करते हैं क्योंकि वे (पास) हमारे साथ एक विचारधारा के साथ शामिल हुए कि मिलकर चुनाव लड़ा जाए…हमारा लक्ष्य चुनाव जीतना और लोगों से किये गये वादों को पूरा करना है।"

हार्दिक पटेल ने कहा कि कांग्रेस द्वारा उनके समुदाय के लिए दिया गया आरक्षण का फॉर्मूला एससी, एसटी और ओबीसी के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण के कोटे के अतिरिक्त होगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई 50 फीसदी आरक्षण की सीमा पर उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सुझाव है। हार्दिक ने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो वह आरक्षण देने के लिए उचित सर्वेक्षण कराएगी। पार्टी राज्य विधानसभा में एक विधेयक लेकर आएगी और आरक्षण देगी।

उन्होंने कहा, ''गुजरात में मेरी लड़ाई बीजेपी के खिलाफ है और इसलिए हम (चुनावों में) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर कांग्रेस का समर्थन करेंगे क्योंकि उसने आरक्षण के लिए हमारी मांग स्वीकार कर ली है। कांग्रेस ने हमारी मांग को अपने चुनाव घोषणापत्र में शामिल करने का वादा किया है। पाटीदार नेता ने कहा, ''सरकार द्वारा गठित आयोग के सर्वेक्षण के बाद ही यह फैसला किया जाएगा कि विशेष श्रेणी के तहत हमें कितना फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।

हार्दिक ने यह भी कहा कि सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस के साथ कोई मतभेद नहीं हैं। उन्होंने कहा, ''हमने किसी भी सीट की मांग नहीं की लेकिन हमने कांग्रेस को हमारे समुदाय के उम्मीदवारों को खड़ा करने के लिए कहा है। यह पूछे जाने पर कि वह उन 'पास सदस्यों के बारे में क्या करेंगे जिन्होंने चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दायर किए हैं, इस पर हार्दिक ने कहा कि वे अब संगठन के सदस्य नहीं होंगे। हार्दिक ने बीजेपी पर 'पास सदस्यों को 50 लाख रुपये की पेशकश देकर उन्हें खरीदने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया है।"