लखनऊ: मुंबई अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से इस्लामिक स्टेट (आईएस) का संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार किया गया है। रविवार को यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने की। दस्ते के अधिकारी पकड़े गए संदिग्ध से पूछताछ में जुटे हैं, जिसमें उसकी पहचान अबु जैद के रूप में हुई है। वह आजमगढ़ जिले के गंभीरपुर थाना क्षेत्र स्थित झाउ मोहल्ला का रहने वाला है। माना जा रहा है कि यह शख्स दुबई में बैठकर आईएस का नेटवर्क चलाता है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के युवाओं को आतंकी संगठन में शामिल होने के लिए उकसाता है। अधिकारियों ने जांच में यह भी पाया गया कि वह उन संदिग्ध आतंकियों के संपर्क में भी था, जिन्हें पहले पुलिस ने बिजनौर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से पकड़ा गया था। पुलिस काफी दिनों से उस पर नजर रखे थी, जिसके बाद उसे मुंबई से दबोचा गया।

अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) आनंद कुमार ने बताया कि जैद के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। वह पिछले एक-डेढ़ साल से वर्क परमिट पर सऊदी अरब की राजधानी रियाज में था। मुंबई पहुंचने पर उसे गिरफ्तार किया गया। पूछताछ की जा रही है, जिसके बाद ही सारी चीजें साफ होंगी। उनके मुताबिक, अप्रैल में एक आतंकी समूह पकड़ा गया था। जैद उसका प्रमुख ‘आइडियोलॉग’ (प्रणेता) था। पकड़े गए लोगों में उमर उर्फ नाजिम, गाजीबाबा उर्फ मुजम्मिल, मुफ्ती उर्फ फैजान तथा जखवान उर्फ एहतेशाम शामिल थे। वे सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर युवाओं को आईएस तथा अन्य कट्टरपंथी संगठनों की विचारधारा से प्रेरित करने की मंशा रखते थे। इन लोगों के खिलाफ लखनऊ एटीएस थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था।

पकड़े गये उन संदिग्ध आतंकवादियों के मोबाइल फोन जांचने से पता लगा था कि जैद ने आईएस तथा अन्य कट्टरपंथी विचारधारा से संबंधित और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से जुड़े संदेश भेजे थे। अभी विवेचना की जाएगी। अभी हमारे आकलन का आधार केवल वॉट्सएप ग्रुप पर की गई गतिविधियां हैं। रिमांड पर लेने के बाद उनकी तस्दीक की जाएगी। कुमार ने बताया कि एटीएस अबू जैद को ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जा रहा है। यहां उसकी पेशी करने के बाद पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा। वह किन-किन वारदात में लिप्त था और किन-किन लोगों को उसने कट्टरपंथी विचारों से ओत-प्रोत किया है, इसकी जानकारी पूछताछ में हासिल की जाएगी।

यह पहला मौका नहीं है जब आईएस के संदिग्धों को पकड़ा गया है। बीते हफ्ते केरल के कन्नूर से पांच आईएस आतंकियों को गिरफ्तार किया था। वे सभी 20 साल की उम्र होने पर सीरिया जाने वाले थे, जहां वे आतंकी संगठन का हिस्सा बनते। उधर, गुजरात एटीएस ने भी दो आईएस संदिग्धों को धरा था, जिनकी पहचान स्टिंबरवाला और उबेद अहमद मिर्जा के रूप में हुई थी।