नई दिल्ली: देश में नोटबंदी के लगभग एक साल पूरे होने को हैं लेकिन रिजर्व बैंक अभी भी वापस आए नोटों की गिनती एवं जांच का काम पूरा नहीं कर सका है। केंद्रीय बैंक ने पीटीआई संवाददाता द्वारा सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। रिजर्व बैंक ने कहा कि वह 30 सितंबर तक 500 रुपए के 1,134 करोड़ नोट तथा 1000 रुपए के 524.90 करोड़ नोट का सत्यापन कर चुका है। इनके मूल्य क्रमश: 5.67 लाख करोड़ रुपए और 5.24 लाख करोड़ रुपए हैं।

उसने आगे कहा कि दो पालियों में सभी उपलब्ध मशीनों में नोटों की गिनती एवं जांच की जा रही है। आरटीआई के तहत रिजर्व बैंक से नोटबंदी के बाद वापस आए नोटों की गिनती के बारे में पूछा गया था। गिनती समाप्त होने के समय के बारे में उसने कहा, ‘‘वापस आए नोटों की गिनती की प्रक्रिया जारी है।’’ उसने कहा कि नोटों की गिनती एवं जांच करने वाली 66 मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल आठ नवंबर को 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों को चलन से बंद करने की घोषणा की थी।

उसके बाद लोगों द्वारा विभिन्न बैंकों में जमा किए गए अमान्य नोटों की गिनती एवं जांच केंद्रीय बैंक कर रहा है। वहीं, नोटबंदी को सदी का सबसे बड़ा घोटाला करार देते हुए विपक्ष ने कुछ दिनों पहले घोषणा की कि इस फैसले के एक साल पूरे होने पर विपक्षी दल आठ नवंबर को काला दिवस मनाएंगे तथा देश भर में विरोध-प्रदर्शन करेंगे। विपक्ष का दावा है कि नोटबंदी के कारण अर्थव्यवस्था एवं नौकरियों को नुकसान पहुंचा है। गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि पिछले साल आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1000 रूपए और 500 रूपए के नोटों को प्रचलन से बंद किए जाने की घोषणा की थी। विपक्ष ने तभी नोटबंदी के फैसले के कारण अर्थव्यवस्था की हालत बुरी होने, बेरोजगारी बढ़ने और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) कम होने की आशंका जताई थी।