नई दिल्ली: बीसीसीआई को आईपीएल की पूर्व टीम कोच्चि टस्कर्स केरला को 800 करोड़ रूपए से अधिक का मुआवजा देना होगा जिसका अनुबंध 2011 में रद्द कर दिया गया था। आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला ने बैठक के बाद कहा, “कोच्चि टस्कर्स ने 850 रूपए मुआवजा मांगा है। हमने आईपीएल की संचालन परिषद की बैठक में इस पर चर्चा की। अब मसला आमसभा की बैठक में रखा जाएगा। वे फैसला लेंगे लेकिन मामले पर बातचीत की जरूरत है।” कोच्चि टस्कर्स के मालिकों ने 2015 में बीसीसीआई के खिलाफ पंचाट में मामला जीता था जिसमें अनुबंध के उल्लंघन को लेकर बैंक गारंटी भुनाने के बीसीसीआई के फैसले को चुनौती दी गई थी।

आर सी लाहोटी की अध्यक्षता वाली पेनल ने बीसीसीआई को मुआवजे के तौर पर 550 करोड़ रूपए चुकाने के निर्देश दिए थे और ऐसा नहीं करने पर सालाना 18 प्रतिशत दंड लगाया जाना था। पिछले दो साल से बीसीसीआई ने ना तो मुआवजा चुकाया और ना ही टीम को आईपीएल में वापिस लिया। आईपीएल संचालन परिषद के एक सदस्य ने कहा,‘‘हमें कोच्चि को मुआवजा देना होगा। सभी कानूनी विकल्पों पर चर्चा हो चुकी है। आम तौर पर पंचाट का फैसला खिलाफ आने पर इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देना बेवकूफी होती है।”