नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शुक्रवार (20 अक्टूबर) को सोलन जिले के अरकी विधानसभा सीट से नामांकन का पर्चा भर दिया है। सिंह ने अपनी पुरानी सीट शिमला (ग्रामीण) को अपने बेटे विक्रमादित्य सिंह के लिए खाली छोड़ दी है। नामांकन दाखिल करते वक्त सिंह के सैकड़ों समर्थक वहां मौजूद थे और उन लोगों ने इस मौके पर अपना शक्ति प्रदर्शन किया। चुनावी हलफनामे के मुताबिक पांच बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह की कुल संपत्ति में गिरावट दर्ज की गई है। हलफनामे के मुताबिक इस वक्त उनकी कुल संपत्ति 31 करोड़ रुपये की है, जबकि पिछले विधानसभा चुनावों में साल 2012 में वीरभद्र सिंह ने अपनी कुल संपत्ति 34 करोड़ रुपये बताई थी। यानी पांच साल तक सीएम रहने के बावजूद उनकी संपत्ति में तीन करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।
इससे पहले साल 2011 में उन्होंने केंद्रीय मंत्री रहते हुए अपनी संपत्ति का जो विवरण सौंपा था उसमें उनकी संपत्ति 22.23 करोड़ रुपये थी। उससे पहले साल 2009 के लोकसभा चुनावों में जब वो मंडी सीट से चुनाव लड़ रहे थे तब उन्होंने हलफनामे में बताया था कि उनकी कुल संपत्ति 22.52 करोड़ रुपये है। उससे पहले 2007 के विधान सभा चुनाव में उन्होंने चुनावी हलफनामे में 24.18 करोड़ की संपत्ति का विवरण सौंपा था।
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