नई दिल्ली: सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के सभी बैंक खाताधारकों को अपने अकाउंट से आधार लिंक कराने को कह रहे हैं। इस बीच, सूचना का अधिकार (आरटीआई) के जवाब में देश के केंद्रीय बैंक और सभी बैंकों को नियंत्रित करने वाले भारतीय रिजर्व बैंक ने इस तरह के किसी भी आदेश-निर्देश से इनकार किया है। पत्रकार योगेश सापकले द्वारा दाखिल आरटीआई अप्लीकेशन के जवाब में रिजर्व बैंक ने कहा है कि उसकी तरफ से इस तरह का कोई भी आदेश बैंकों को नहीं जारी किया गया है। रिजर्व बैंक ने साफ किया है कि इस तरह का निर्णय केंद्र सरकार का है।

योगेश ने आरबीआई से पूछा था कि बैंक खातों से आधार लिंक कराने वाले नोटिफिकेशन/निर्देश या सर्कुलर उपलब्ध कराया जाय जिसके तहत खाताधारकों को ऐसा करने को कहा जा रहा है। इसके जवाब में आरबीआई ने लिखा है, “1 जून 2017 को केंद्र सरकार ने मनीलॉन्ड्रिंग रोकथाम ( रिकॉर्ड्स का रख रखाव), दूसरा संशोधन नियम 2017 गजट में जीएसआर 538 (ई) में प्रकाशित किया था जिसके तहत आधार को (उन व्यक्तियों के लिए जो कि बैंक खाते खोलने के लिए) स्थायी नंबर (पैन) बनाने और बैंक खाता खोलने के लिए अनिवार्य किया है। इस संबंध में यह ध्यान देने योग्य बात है कि आरबीआई ने इससे संबंधित कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया है।”

आवेदनकर्ता ने दूसरे सवाल में आरबीआई से उस फाइल नोटिंग्स की मांग की थी जिसके तहत आधार को बैंक खातों से लिंक करने को कहा गया था। इसके जवाब में आरबीआई ने साफ किया है कि रिजर्व बैंक ने आधार को बैंक खातों से लिंक करने का कोई निर्देश जारी नहीं किया है, इसलिए आरबीआई इस स्थिति में नहीं है कि इस तरह की किसी फाइल नोटिंग्स की कॉपी उपलब्ध कराई जाय। एक अन्य सवाल के जवाब में आरबीआई ने कहा है कि उसकी तरफ से सुप्रीम कोर्ट में इस तरह की कोई याचिका नहीं दायर की गई है।