देश के सबसे बड़े ऋणदाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने अपनी तरह का पहला उत्पाद ‘एसएमई असिस्ट‘ लॉन्च किया है, जिसमें बैंक एमएसएमई को 9 महीनों के लिए अल्पावधि कार्यशील पूंजी मांग ऋण (डब्ल्यूसीडीएल) प्रदान करेगा। एसएमई असिस्ट के तहत बैंक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों को जीएसटी के अंतर्गत उनके इनपुट क्रेडिट दावों पर ब्याज की रियायती दर पर ऋण प्रदान करेगा।
‘एसएमई असिस्ट‘ के बारे में जानकारी देते हुए बैंक के सीजीएम (एसएमई) श्री वी रामलिंग कहते हैं, ‘ एसएमई क्षेत्र की मदद करने में बैंक सबसे आगे रहा है। यह प्रोडक्ट इनपुट क्रेडिट प्राप्त होने तक उनकी कार्यशील पूंजी की आवश्यकता का प्रबंधन करने में उन्हें मदद करेगा। यह सरकार की जीएसटी पहल का भी समर्थन करता है, क्योंकि इससे एसएमई को बिना किसी बाधा के अपने परिचालन को चलाने में स्थिर बनाने में मदद मिलेगी।‘
डब्ल्यूसीडीएल को निर्धारण बैंक वित्त (एबीएफ) के बाहर मौजूदा फंड आधारित कार्यशील पूंजी की सीमा का 20 प्रतिषत या खरीद पर 80 प्रतिषत इनपुट टैक्स के दावों पर स्वीकृत किया जाएगा, जो भी कम हो। 2000 रुपये के नाममात्र प्रोसेसिंग शुल्क के साथ, एमएसएमई अपने कार्यशील पूंजी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए डब्लूसीडीएल का लाभ उठा सकते हैं। उत्पाद के तहत ऋण के लिए आवेदन करने वाली कंपनियों को अपने चार्टर्ड एकाउंटेंट से इनपुट क्रेडिट दावों की पुष्टि करने के लिए प्रमाणपत्र प्रदान करना होगा।
एसएमई असिस्ट के तहत, एसएमई कर्जदार पहले तीन महीनों के लिए अधिस्थगन अवधि का आनंद ले सकते हैं। अधिस्थगन अवधि खत्म होने के बाद अगले 6 महीनों में एडहॉक राशि को एकमुष्त भुगतान या 6 ईएमआई में चुकाया जा सकता है। साधारण दस्तावेजों के साथ बैंक के एसएमई ग्राहक 31 मार्च 2018 तक एसएमई सहायता सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।