सीओ की जांच में झूठा निकला मामला कैसरबाग कोतवाली में हुई घटना का मामला

(सत्य प्रकाश)

लखनऊ। शनिवार राजधानी के कैसरबाग थाने मे तैनात मुंशी की नौटंकी टीवी सीरियल की सास बहू वाली कहानी जैसी लगी जब मुंशी ने खुद सर कॊ फोड़ लिया और इंस्पेक्टर कैसरबाग धीरेंद्र कुमार उपाध्याय के खिलाफ सिर फोडऩे का आरोप लगा डाला वही मामले को एससी बनाम सवर्ण रंग देने का भी प्रयास किया। देर रात हुए ड्रामे के बीच एसएसपी दीपक कुमार ने कैसरबाग क्षेत्राधिकारी अमित कुमार राय को जांच करने के आदेश दिया। सीओ ने सीसीटीवी फुटेज और लोगों की पूछताछ के आधार पर पाया कि मुंशी ने इंस्पेक्टर के खिलाफ झूठा आरोप लगाया है और खुद ही सिर को फोड़ लिया। पूरे मामले के बाद उसने मीडिया के जरिए वीडियो को वायरल कर दिया। अब क्षेत्राधिकारी ने मुंशी के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही एसएसपी को जांच रिपोर्ट सौंप दी है।

माज़रा क्या है आखिर ???

दरअसल शनिवार शाम कैसरबाग कोतवाली में तैनात मुंशी महराज सिंह ने इंस्पेक्टर के खिलाफ सरकारी काम के दौरान मारपीट करने के साथ ही सिर फोडऩे का आरोप लगाया तो पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। इतना ही नहीं मुंशी ने पूरी योजना के तहत अपनी घटना का वीडियो भी वायरल कर दिया। जिसमें उसने खुद को चमार बताते हुए इंस्पेक्टर पर एक के बाद एक कई गंभीर आरोप जड़ दिए। बहते हुए खून और खुद को दलित बताते हुए उसने लोगों की सहानुभूति बटोरने का भी प्रयास किया। टीवी पर चलने वाले सास बहू की नौटंकी की तरह मुंशी ने सरकारी काम के दौरान इंस्पेक्टर के द्वारा मारपीट और क्षमा मांगने के बाद भी सिर फोडऩे की बात कह डाली। मुंशी का वीडियो जब सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो एसएसपी दीपक कुमार ने सीओ कैसरबाग को मामले की जांच के आदेश दे दिए।

जांच पड़ताल के दौरान सीओ ने पाया कि मुंशी ने सुनयोजित से इस काम को किया। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में देखा गया है कि जब रात में मुंशी थाने से निकल रहा था तब वह पूरी तरह से ठीक था। इसके बाद वह नूर मंजिल की ओर गया यहां पर वह कुछ देर रुका। फिर उसने फोन पर किसी से बातचीत की और अपना हेलमेट उतारा लिया। कुछ ही देर बाद उसने यहीं पर अपना सिर फोड़ लिया। मुंशी को बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। क्षेत्राधिकारी ने बताया कि मुंशी ने इसके पहले भी कई बार बवाल किया था। बीते दिनों एक कांस्टेबिल से भी उसने झगड़ा किया और खुद को दिल का मरीज बताकर हॉस्पिटल में भर्ती भी करवा लिया। परिजन भी मौके पर पहुंचे। डॉक्टरों ने जांच किया और उसको फिट बताया। इसके बाद मुंशी ने इंस्पेक्टर से अपनी कारस्तानी के लिए माफी भी मांगी थी। इसी तरह बीते वर्ष कानपुर में तैनाती के दौरान भी उसने अपने उच्च अधिकारियों के साथ अभद्र व्यवहार किया था।

कैसरबाग इंस्पेक्टर धीरेंद्र कुमार उपाध्याय के खिलाफ मुंशी ने जो आरोप लगाए थे वह जांच के दौरान पूरी तहर से गलत पाए गए हैं। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि मुंशी महराज सिंह जब थाने से निकला तो वह पूरी तरह से ठीक-ठाक था। इसके बाद वह अपनी बाइक से नूर मंजिल की ओर गया और वहां पर रुक कर किसी को फोन करने लगा। यहीं पर उसने अपना हेलमेट उतारा और खुद ही सिर को चोटिल कर लिया। इसके पहले भी मुंशी ने कई बार ऐसे ही उत्पात मचाया है।