नई दिल्ली: गृह मंत्रालय की ओर से एक आरटीआई के जवाब में बेहद ही चौंकाने वाली बात सामने आई है। आतंकवाद को लेकर बड़े-बड़े वादे करने वाली केंद्र सरकार को इस बात से जोरदार झटका लग सकता है। एक आरटीआई के जवाब में गृह मंत्रालय ने खुलासा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के तीन साल के कार्यकाल के दौरान जम्मू-कश्मीर में 812 आतंकी घटनाएं हुई हैं, जबकि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार के आखिरी तीन साल के कार्यकाल के दौरान कुल 705 आतंकी घटनाएं हुई थीं।

इसके अलावा आरटीआई के जवाब में यह बात भी सामने आई है कि इन 812 घटनाओं में करीब 183 भारतीय जवान शहीद हो गए तो वहीं 62 नागरिकों की मौत हुई। जबकि मनमोहन सिंह के आखिरी तीन साल के कार्यकाल के दौरान 105 जवान शहीद हुए थे तो वहीं 59 नागरिकों की मौत हुई थी।
नोएडा के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता रंजन तोमर ने गृह मंत्रालय से आतंकी घटनाओं पर सवाल किया था। तोमर ने मंत्रालय से चार सवाल पूछे थे। तोमर ने पूछा था कि मोदी सरकार के अब तक के तीन साल के कार्यकाल में कितनी आतंकी घटनाएं हुईं, मनमोहन सिंह की सरकार के आखिरी तीन साल के कार्यकाल में कितनी घटनाएं हुई थीं। दोनों ही समय में कितने नागरिकों की मौत हुई और कितने जवान शहीद हुए।

रंजन तोमर का तीसरा और चौथा सवाल यह था कि इन आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में गृह मंत्रालय ने कितनी धनराशि जारी की थी और मनमोहन सिंह के आखिरी तीन साल के कार्यकाल में कितनी धनराशि दी गई थी। इस सवाल के जवाब में बताया गया कि मोदी सरकार के कार्यकाल में 1,890 करोड़ रुपए जारी किए गए तो वहीं मनमोहन सिंह की सरकार के आखिरी तीन साल के कार्यकाल के दौरान आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए 850 करोड़ की धनराशि दी गई थी।