नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि उसके न्यायधीश सरकार समर्थक नहीं हैं और खामियां नजर आने पर शीर्ष अदालत प्रतिदिन की अपनी कार्यवाही के दौरान सरकार की खिंचाई भी करती है। सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी दो वकीलों की टिप्पणी पर की है।
आपको बता दें कि गुजरात हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष असीम पांड्या ने एक चिट्ठी लिखकर न्यायाधीशों को सरकार के प्रति नरम रुख बरतने की बात कही थी। वहीं सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके दुष्यंत दवे ने भी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और अन्या न्यायाधीशों के कामकाज पर सवाल उठाया था।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविल्कर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि बिना साक्ष्यों की पुष्टि किए कोर्ट की कार्यवाही पर सोशल मीडिया में कुछ भी लिख दिया जाता है। पीठ ने कहा कि अगर कोई न्यायाधीश किसी वकील से कोई सवाल पूछ लेता है तो उसे फैसला मान लिया जाता है.
एससीबीए के पूर्व अध्यक्ष की बयान की ओर इशारा करते हुए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि किसी को यहां आना चाहिए और देखना चाहिए की अदालत हर दिन कैसे सरकार की खिंचाई करती है। पीठ ने कहा कि जो लोग ये समझते हैं कि कोर्ट सरकार के प्रति नरम रुख रखते हैं ऐसे लोगों को पूरा दिन कोर्ट में बैठकर देखना चाहिए किया न्यायाधीश किस तरह से काम करते हैं।