मुंबई: सत्तारूढ़ भाजपा के सहयोगी शिवसेना ने एलिफिंस्टन रेलवे स्टेशन पर एक ओवरब्रिज पर हुई भगदड़ को नरसंहार बताया जबकि विपक्षी दलों ने इस हादसे के लिए केंद्र और महाराष्ट्र की सरकारों पर प्रहार किए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने भी लोगों की मौत पर संवेदना जताई है।
गैर भाजपा दलों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना पर काम करने के बजाए केंद्र को यात्रियों की सुरक्षा और स्टेशनों पर सुविधाओं में सुधार पर ध्यान देना चाहिए।

शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा, यह नरसंहार है, जिसके लिए सरकार और रेलवे जिम्मेदार हैं। हमारे पास समय है और फिर मांग करते हैं कि पुराने और जीर्ण-शीर्ण ओवरब्रिज का फिर से विकास किया जाना चाहिए, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

उन्होंने कहा, वर्तमान रेल व्यवस्था की खामियों में सुधार के लिए सरकार के पास वक्त नहीं है लेकिन वह बुलेट ट्रेन लाना चाहती है।

उद्धव ठाकरे नीत पार्टी केंद्र और महाराष्ट्र दोनों स्थानों पर भाजपा सरकार के साथ गठबंधन में है लेकिन कई मुद्दों पर उनका विरोध करती रही है।
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस के राधाकष्ण विखे पाटिल ने कहा था कि पिछले वर्ष उन्होंने रेलवे को पत्र लिखा था और मुंबई के स्टेशनों पर भीड़भाड़ के मुद्दे पर रेल मंत्री के साथ जनप्रतिनिधियों की बैठक की मांग की थी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहा, इस घटना को हत्या का मामला माना जाना चाहिए। रेल अधिकारियों के खिलाफ भादंसं की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज करना चाहिए।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी मुंबई में भगदड़ पर शोक व्यक्त किया और एक ट्वीट में कहा, मुंबई में लोगों की मौत पर दुखी हूं। घायल लोगों के स्वस्थ होने की कामना करती हूं। जिन लोगों की मौत हुई उनके परिजन के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं।
एलिफिंस्टन रोड और परेल स्टेशनों को जोड़ने वाले ओवरब्रिज पर भीड़भाड़ के समय हुई भगदड़ में कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए।