लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल ने कहा कि भूदान, अन्नदान एवं धनदान आदि से सबसे बड़ा दान अंगदान है। अंगदान से किसी भी व्यक्ति की जान को बचाकर उसके सुख एवं समृद्धि में शामिल होकर खुशियों को बढ़ाया जा सकता है। आज के समय में लोगों को अंगदान करने के लिये जागरूक एवं प्रेरित करने की अत्यधिक आवश्यकता है ताकि लोगों की भ्रान्तियों को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि जितना अधिक से अधिक लोगों को इसके बारे में जागरूक एवं प्रेरित किया जायेगा उतने ही अधिक लोगों की जान को बचाया जा सकेगा।

राज्यपाल श्री राम नाईक आज राजभवन में स्पर्श वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आयोजित स्पर्श दधीचि सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा कि यह अत्यन्त सम्मान एवं गौरव की बात है कि आज ऐसे कार्यक्रम का आयोजन राजभवन में किया जा रहा है। इस प्रकार के आयोजन से राजभवन के सम्मान में भी बढ़ोत्तरी होती है। उन्होंने कहा कि अंगदान की परम्परा हमारे देश में हजारों साल पहले से रही है। महर्षि दधीचि ने असुरों के संहार के लिये अपनी रीढ़ की हड्डी को दान देकर अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया था। उन्होंने कहा कि विज्ञान की प्रगति ने अंगदान को बहुत आसान कर दिया है परन्तु अभी भी लोगों में अंगदान के प्रति भय और भ्रान्तियाँ हैं जिसे ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन एवं अंगदान करने वालों को सम्मानित करके दूर किया जा सकता है।

श्री नाईक ने कहा कि हमारा प्रदेश सबसे बड़ा प्रदेश है। यहां पर अच्छी चिकित्सा सुविधा एवं उच्च गुणवत्ता के अस्पताल खोलकर हम आमजन को इसके लिये प्रेरित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जागरूकता अभियान चलाकर हम प्रदेश को अंगदान करने वालों की श्रेणी में सबसे ऊपर ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को अंगदान के लिये जागरूक करने वाली संस्था स्पर्श वेलफेयर सोसाइटी से प्रेरणा लेकर अन्य संस्थाओं को भी इस क्षेत्र में आगे आना चाहिए।

सम्मान समारोह में राज्यपाल श्री राम नाईक ने श्रीमती अनीता वर्मा, श्री राम नारायण, श्री राम दुलारे, श्रीमती रेखा शुक्ला, श्रीमती गंगा देवी, श्रीमती सीमा साहू, श्री रामनयन, श्री आलोक सक्सेना, श्रीमती भागवानी देवी, श्रीमती रेनू श्रीवास्तव, श्रीमती मालती देवी एवं श्रीमती सरोज सिन्हा को अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।