लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी स्थित विश्व प्रसिद्ध शिक्षा के केन्द्र बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय(बीएचयू) में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की मौजूदगी में पुलिस प्रशासन द्वारा सरकार के इशारे पर शांतिपूर्ण धरना दे रहीं छात्राओं पर बर्बर लाठीचार्ज एवं फायरिंग की घटना के विरोध में आज शहर कांग्रेस कमेटी ने विरोध मार्च निकालकर प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री का पुतला फूंका।

यह जानकारी देते हुए जिला कंाग्रेेस कमेटी के प्रवक्ता दीपेन्द्र मिश्रा ने बताया कि अपरान्ह जिला एवं शहर कांग्रेस के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने वाराणसी में घटी छात्र-छात्राओं पर बर्बर लाठीचार्ज की घटना के विरोध में केन्द्र एवं प्रदेश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने हेतु प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में एकत्रित होकर जुलूस की शक्ल में केन्द्र एवं प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जीपीओ की ओर बढ़ रहे थे जहां भारी पुलिस बल का प्रयोग करते हुए रास्ते में रोका गया, जहां सभी कांग्रेसजन एवं पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई। इसके उपरान्त मौजूद सभी कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री का पुतला फूंककर विरोध किया गया।

श्री मिश्रा ने बताया कि रास्ते में रोके जाने पर कांग्रेसजनों को सम्बोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता वीरेन्द्र मदान ने कहा कि आज जिस प्रकार वाराणसी में विश्व प्रसिद्ध शिक्षा के केन्द्र में छात्राओं का उत्पीड़न किया जा रहा है, उन पर लाठियां बरसायी जा रही हैं पुलिस द्वारा फायरिंग की जा रही है, इससे पूरे विश्व में भारत की छवि धूमिल हो रही है। एक तरफ केन्द्र और प्रदेश सरकार महिला सुरक्षा की बात करती है बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ का नारा दिया जा रहा है, कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए थाने खोलने की बात की जा रही है वहीं प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में जिस प्रकार छात्राओं के साथ अमानवीय घटना हुई है निन्दनीय है।

जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गौरव चौधरी ने कहा कि छात्र-छात्राओं पर एक तरफ जहां प्रदेश सरकार के इशारे पर लाठियां और गोलियां बरसायी जा रही हैं और शिक्षा के केन्द्र को जंग का मैदान बना दिया गया है। प्रदेश सरकार पूरी तरह लेाकतंत्र की हत्या करने पर अमादा है। श्री चौधरी ने मांग की है कि छात्र-छात्राओं पर लाठी-गोली बरसाने के बाद लगभग 1200 छात्र-छात्राओं पर फर्जी तरीके से जिस प्रकार आपराधिक मुकदमें दर्ज किये गये हैं उन्हें प्रदेश सरकार तत्काल बिना शर्त वापस ले और कुलपति को तत्काल बर्खास्त किया जाय।