एसोसिएशन फाॅर प्रोटेक्शन आॅफ सिविल राईट (APCR) जो कि दबे-कुचले और वंचित वर्ग को क़ानूनी सलाह देने के लिए हेल्प लाइन, समाजसेवियों के लिए प्रशिक्षण, उत्पीड़ित जनों के क़ानूनी अधिकारों की सुरक्षा-संरक्षा का प्रयास, अन्याय के शिकार लोगों को क़ानूनी सुरक्षा उपलब्ध कराने हेतु प्रोग्राम, शोषण और अन्याय को भारतीय परिदृश्य से मिटाने के लिए कार्यक्रम करती रहती है। इसी क्रम में आज नारी बंदी निकेतन से 2 महिला बंदी गुमाशेरी पत्नी तेज बहादुर व सुनीता श्रेष्ठ पत्नी गंज बहादुर का जुर्माना अदा कर के APCR द्वारा रिहाइ कराई गई।

इसी प्रकार ज़िला कारागार लखनऊ में बन्द सिद्वदोष 12 बन्दी जो क्रमशः विनोद पुत्र दीनानाथ, उमेश कुमार पुत्र छोटे लाल, लकी सिंह पुत्र बाबू सिंह, गुफरान पुत्र नसीरुल्लाह, प्रदीप पुत्र मैकू लाल, मो0 हफ़ीज पुत्र मो0 सलीम, मुशताक़ अहमद पुत्र अब्दुर्रज्ज़ाक़, करन सिंह पुत्र कुलवीर सिंह, विरेंदर सादव पुत्र राम सेवक, मो0 अ़ालम पुत्र ज़हीरुददीन, धर्मेंदर पुत्र मिथ्थुल, भूरे पुत्र छोटे लाल हैं। उपरोक्त सिद्वदोष ग़रीब बंदियों का जुर्माना अदा कर के जनहित में रिहाई कराई गई।

इस अवसर पर वरिष्ट अधीक्षक लखनऊ जेल पी.एन.पाण्डेय., जेलर श्री त्रीपाठी , डिपटी जेलर लखनऊ जेल, हरबंश पाण्डेय, डिप्टी जेलर आदर्श कारागार अंजली वर्मा, APCR के को आॅर्डिनेटर नजमुस्साकिब ख़ाँ और शान-ए-इलाही मौजूद थे।