संयुक्त राष्ट्र: पाकिस्तान ने रविवार को कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत के साथ खतरनाक गतिरोध की स्थिति पैदा नहीं होने देना चाहता है तो उसे नई दिल्ली का आह्ववान करना चाहिए कि वह अपनी उकसाने वाली और आक्रामक कार्रवाइयां रोके. संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने भारत को दक्षिण एशिया में ‘आतंकवाद की जननी’ करार देते हुए आरोप लगाया कि पाकिस्तान के कई हिस्सों में नई दिल्ली आतंकवाद का प्रायोजन कर रहा है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में संबोधन के बाद जवाब देते हुए मलीहा ने आरोप लगाया, ‘‘अपने व्यंग्यात्मक संबोधन में उन्होंने (सुषमा) कश्मीर के मुख्य मुद्दे का नजरअंदाज किया.’’ सुषमा ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी संगठनों को पैदा करने के लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा था. विदेश मंत्री ने कश्मीर का उल्लेख नहीं किया था.

मलीहा ने कहा, ‘‘अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत और पाकिस्तान के बीच खतरनाक गतिरोध को टालना चाहता है तो उसे भारत का आह्वान करना चाहिए कि वह उकसाने वाली और आक्रामक कार्रवाइयों को रोके. उसे नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन बंद करना चाहिए. उसे पाकिस्तान के खिलाफ आतंकी समूहों को प्रायोजित करना बंद करना चाहिए.’’

आमतौर पर महासभा में संबोधन का जवाब विदेश सेवा के निचले स्तर के अधिकारी देते हैं, लेकिन यह काफी अहम है कि पाकिस्तान की शीर्ष राजनयिक ने भारत के खिलाफ जवाब दिया. भारत ने फिलहाल जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल नहीं किया. पाकिस्तान ने दूसरी बार यह आरोप लगाया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल बलूचिस्तान में दखल दे रहे हैं. मलीहा ने कहा कि अगर संबंधित पक्ष विवाद का समाधान करने में विफल होते हैं तो संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के पास न सिर्फ इसका अधिकार है, बल्कि उसकी प्रतिबद्धता है कि वह दखल दे और विवाद के समाधान में मदद करे.