नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि कोई भी विधायक या सांसद अगर किसी आपराधिक मामले में दोषी पाया जाता है तो वह ऑटोमैटिक अयोग्य घोषित नहीं होंगे. उनकी सीट को तत्काल प्रभाव से ख़ाली घोषित नहीं किया जा सकता, क्योंकि कानून उन्हें खुद को दोषी ठहराए जाने के फैसले के खिलाफ अपील करने और उस पर रोक हासिल करने का एक मौका देता है.
केंद्र सरकार ने कहा कि ये पॉलिसी मामला है, इसमें कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने लोकप्रहरी NGO की उस याचिका का विरोध किया है, जिसमें कहा गया था कि अगर कोई विधायक या सांसद आपराधिक मामले में दोषी पाया जाता है तो तत्काल प्रभाव से उसकी सीट को खाली घोषित किया जाए.
याचिका में सुप्रीम कोर्ट के 2013 के फ़ैसले को आधार बनाया गया है, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि अगर कोई विधायक या सांसद आपराधिक मामले में दोषी पाया जाता है तो तत्काल प्रभाव से वो अयोग्य घोषित हो जाएगा.
दरअसल- लोक प्रहरी ने अपनी याचिका में कहा था कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में कुछ लोग जो आपराधिक मामले में दोषी पाए गए हैं उसके बावजूद अपने पद पर बने हुए हैं, क्योंकि सीट को खाली घोषित करने और चुनाव कराने में लंबा वक्त लिया जा रहा है.
मृतको में एक ही परिवार की दो सगी बहने, परिजनो में मचा कोहरामएसडीएम-सीओ समेत पुलिस…
बाइक सवार मित्रों को गांव से घसीटते हुए एक किलो मीटर दूर ले गई,सहमे लोग…
मुंबईएचडीएफसी बैंक के मोबाइल ऐप पेज़ैप (PayZapp) को 'सेलेंट मॉडल बैंक' अवार्ड मिला है। एचडीएफसी…
-कम सैलरी में पत्रकारों का 24 घंटे काम करना सराहनीयः पवन सिंह चौहान -यूपी वर्किंग…
(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) हम तो पहले ही कह रहे थे, ये इंडिया वाले क्या…
(अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष आलेख : संजय पराते) आजादी के आंदोलन में ट्रेड यूनियनों…