नई दिल्ली: नोबल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय मूल के शोधकर्ता वेंकटरमन रामाकृष्णन ने भारत में मांस को लेकर बढ़ रहे विवादों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा है की भारत को देश के छात्रों को विज्ञान और टेक्नोलॉजी की पढ़ाई के लिए बेहतर शिक्षा देने पर ध्यान देना चाहिए, न कि इस बात पर कि कौन क्या खा रहा है।
द टेलीग्राफ के मुताबिक, ब्रिटेन के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में बोलते हुए रामाकृष्णन ने कहा, “भारत को कौन किस तरह का मांस खाता है इस पर सांप्रदायिक झगड़े पालने के बजाय देश में अच्छी शिक्षा खासकर विज्ञान और टेक्नोलॉजी पर ध्यान देना चाहिए।”
हालांकि रामाकृष्णन ने इस बारे में भारत में हुई किसी भी घटना का जिक्र न करते हुए कहा कि भारत में आज एक समस्या ही दिखाई देती है जो कि मामूली बातों पर सांप्रदायिक झगड़ों का होना है।
भारतीयों को ज्यादा सहिष्णु बनकर देश को आधुनिक बनाने के लक्ष्य पर ध्यान देना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होगा तो वे पिछड़ते जाएंगे।
चीन और भारत की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि आज चीन टेक्नोलॉजी में भारत से काफी आगे निकल गया है। जोकि पचास साल पहले भारत से पीछे था।
रामाकृष्णन ने कहा कि अगर भारत विज्ञान और टेक्नोलॉजी में अगर इन्वेस्ट नहीं करेगा तो वो दौड़ में पीछे छूट जाएगा।
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