बोले–सिर्फ सम्पादकों और मालिकों से करूंगा बात

नई दिल्ली: बीजेपी में तानाशाही और अहंकारी नेताओं की कोई कमी नहीं है। इसका उदारहण दिया है बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने। दो दिन पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह झारखंड के दौरे थे। उनके कार्यक्रम को कवर करने के लिए आयोजकों ने मीडिया को भी बुलाया।

लेकिन जब पत्रकार इस कार्यक्रम में पहुंचे तो उन्हें बेइज्जत करके बाहर निकाल दिया गया। इसके पीछे वजह ये थी कि अमित शाह सिर्फ अखबार के मालिकों और चीफ एडीटरों से बात करना चाहते थे।

अमित शाह के इस बर्ताव के लिए वहां पहुंचे पत्रकारों ने उनकी काफी आलोचना की। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने उनका अपमान किया है।
पत्रकारों ने इस पर अपना विरोध जताया, लेकिन उनका कहना है कि हमारे विरोध के बावजूद अमित शाह के कार्यक्रम की बड़ी-बड़ी तस्वीरें अखबारों में छपेगी क्योंकि जब अखबार मालिक और चीफ एडीटर ही उनके साथ मीटिंग कर रहे हैं। तब हम जैसे पत्रकार उनकी खबरें छपने से कैसे रोक सकते हैं।

इस हालात पर रोष जताते हुए एक पत्रकार ने कहा, ‘श्रमजीवी पत्रकार लात और जूता खा रहे हैं और अखबार मालिक और चीफ एडीटर सत्ताधारी नेताओं के साथ बैठ कर रसगुल्ला खा रहे हैं।’

पत्रकारों का कहना है कि पत्रकारों के लिए बीजेपी का ये रवैया नया नहीं है। केंद्र में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद अमित शाह का सवाल उठाने वाले पत्रकारों का अपमान करने का रवैया और बढ़ गया है।

इस मामले में कई कई स्थानीय पत्रकारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि राज्य में भाजपा सरकार के बाद बड़े अखबारों के साथ पार्टी और सरकार साठगांठ खुल कर सामने आई है।

राज्य में स्वतंत्र और जिम्मेदार पत्रकारिता के नाम पर अब कुछ नहीं बचा है। पार्टी और सरकार ने अखबार मालिकों और संपादकों को अपने पाले में कर लिया है।

जब सरकार सीधे अख़बार मालिकों और संपादकों से बात कर रही है तो अखबारों में काम करने वाले पत्रकारों की औकात ही क्या रह गए हैं। आखिर वे किस दम पर अपनी आवाज उठाएंगे।