लखनऊ : बसपा सुप्रीमो मायावती के कभी सबसे खास माने जाने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी अब सपा का दामन थाम सकते हैं। बता दें कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट के लिए पैसे लेने और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था। जिसके बाद नसीमुद्दीन ने मायावती के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।

5 अक्टूबर को पूर्व बसपा राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दकी अपने हज़ारों समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी के आगरा में होने वाले राज्य स्तरीय अधिवेशन में सपा में शामिल होंगे। इस अधिवेशन में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष का भी चुनाव होगा।

जहां अखिलेश यादव का औपचारिक रूप से अध्यक्ष चुना जाना लगभग तय है। वहीं नसीमुद्दीन बीएसपी से समाजवादी पार्टी में आने वाले सबसे बड़ा चेहरा होंगे। नसीमुद्दीन का समाजवादी पार्टी में जाना सपा-बसपा एकता में खलल के रूप में देखा जा सकता है।

गौरतलब है कि मई में बहुजन समाज पार्टी ने कद्दावर नेता और सबसे बड़े मुस्लिम चेहरे नसीमुद्दीन सिद्दीकी को माना जाता रहा है। बता दें कि, मायावती की 1995 में सरकार बनने के बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था। इसके बाद से ही वे मायावती के खासमखास में शामिल होते गए। कई मुद्दों पर मायावती ने नसीमुद्दीन को आगे रखा और पार्टी में उनका कद बढ़ता गया। लेकिन विधानसभा चुनाव 2017 में बहुजन समाज पार्टी के सिर्फ 19 सीटों पर सिमटने के बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी के लिए मुसीबत बढ़ना शुरू हो गई थीं। और, आखिर में बसपा सुप्रीमो ने उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।