नई दिल्ली: चीन और रूस ने पाकिस्तान को राजनयिक स्तर पर यह आश्वासन दिया है कि यदि आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाहों को समाप्त करने में नाकाम रहने पर अमेरिका पाकिस्तान के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में आर्थिक प्रतिबंध लगाने का कोई भी कदम उठाता है तो वे अपने वीटो का इस्तेमाल करेंगे। मीडिया की रिपोर्ट में आज यह बात कही गई। मालून हो कि अगस्त में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने के लिए इस्लामाबाद की आलोचना की थी, इसके बाद ही पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंध खराब हुए हैं।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून और उससे ही जुड़ी प्रकाशन संस्था डेली एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका ने उन पाकिस्तानी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने के संकेत दिए हैं, जिनके आतंकवादियों के साथ कथित तौर पर संबंध हैं। प्रधानमंत्री शाहिद खान अब्बासी ने सोमवार को चेतावनी दी थी कि पाकिस्तानी अधिकारियों पर लक्षित प्रतिबंध से अमेरिका के आतंकवाद विरोधी प्रयासों में कोई सहायता नहीं मिलेगी।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान वीटो की शक्तियां रखने वाली दो ताकतों चीन और रूस के साथ संपर्क में है, जिन्होंने पाकिस्तान पर अनावश्यक दबाव बनाने की अमेरिकी नीति का विरोध किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों महाशक्तियों ने इस्लामाबाद को सभी मंचों पर हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान फ्रांस और ब्रिटेन जैसे अन्य पश्चिमि देशों से भी संपर्क करेगा। इस्लामाबाद स्थित राजनयिक सूत्रों ने डेली एक्सप्रेस से कहा कि विदेश नीतियों के जानकार, सुरक्षा अधिकारी और उच्च सरकार अधिकारी वाशिंगटन के लिए नई विदेश नीति तैयार करने के लिए विचार मंथन कर रहे हैं।